ईरान के खिलाफ वैश्विक स्तर पर संयुक्त मोर्चा बने : पोंपियो

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एबीसी न्यूज़ के अनुसार इस विषय पर जर्मनी के विदेशमंत्री हेको मास ने कहा है कि कूटनीतिक वार्ता के अभाव में खाड़ी में ईरान पर अधिकतम दबाव डालने का अर्थ युद्ध को आमंत्रण देना होगा।



लॉस एंजेल्स, 25 जून (हि.स.)। विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने मिडल ईस्ट में ईरान के साथ मौजूदा तनाव को देखते हुए वैश्विक स्तर पर एक संयुक्त मोर्चा बनाए जाने की ज़रूरत पर बल दिया है। खाड़ी में अपने दो मित्र देशों सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात के शीर्ष नेताओं से बातचीत के पश्चात् माइक पोंपियो ने कहा कि ईरान दुनिया का सबसे बड़ा आतंकवादी देश है। इसके ख़िलाफ एशिया ही नहीं, यूरोपीय देशों को भी एकजुट होने की ज़रूरत है।

भारत रवाना होने से पहले आबूधाबी में अमीरात के शहजादे मुहम्मद बिन जावेद से बातचीत में पोंपियो ने इस बात पर जोर दिया कि अब वक्त आ गया है कि समुद्री व्यापार के संरक्षण के लिए मिलिट्री रक्षा हो। इसके लिए उन्होंने व्यापार सदस्य देशों की भागीदारी की ज़रूरत पर बल दिया। इसके लिए अमेरिका को अकेले क्यों व्यय करना चाहिए? इस पर जरीफ जावेद ने सहमति जताई है। खाड़ी में मिलिट्री सहयोग के लिए चर्चा प्रारंभिक स्तर पर है।

यूरोप में खाड़ी के तनाव को लेकर हलचल:-

एबीसी न्यूज़ के अनुसार इस विषय पर जर्मनी के विदेशमंत्री हेको मास ने कहा है कि कूटनीतिक वार्ता के अभाव में खाड़ी में ईरान पर अधिकतम दबाव डालने का अर्थ युद्ध को आमंत्रण देना होगा। ईरान के साथ 2015 में आणविक संधि में रूस और चीन के अलावा यूरोपीय देशों की भागीदारी को लेकर जर्मनी के अलावा फ़्रांस और ब्रिटेन ने खाड़ी में तनाव पर चिंता जताई है। फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रो ने भी परस्पर बातचीत पर ज़ोर दिया है। यूरोपीय देशों का मत है कि ईरान ने आणविक संधि का कोई दुरुपयोग नहीं किया है।

उल्लेखनीय है कि ईरान ने पिछले महीने यूरोपीय देशों को सचेत करते हुए अल्टीमेटम दिया था कि सात जुलाई तक यूरोपीय देश आणविक संधि की शर्तों के अनुसार मदद के लिए आगे नहीं आते हैं तो उन्हें बाध्य होकर यूरेनियम भंडार में वृधि के लिए विवश होना पड़ेगा।


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