देश में जल्द ही वाहनों के हॉर्न पैटर्न में होगा बदलाव: गडकरी

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 भारतीय वाद्य यंत्र पैटर्न वाले हॉर्न होंगे तैयार



जयपुर, 16 सितम्बर (हि.स.)। केन्द्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देश में जल्द ही वाहनों हॉर्न पैटर्न में बदलाव किया जाएगा। तेज आवाज वाले हॉर्न की जगह अब भारतीय वाद्य यंत्र वाले हॉर्न पैटर्न को तैयार किया जा रहा है। एंबुलेंस व गाड़ियों के हॉर्न में भी बदलाव किया जाएगा। उन्होंने कहा कि तबला, शंख, हारमोनियम आदि भारतीय वाद्य यंत्रों की आवाज़ के हॉर्न तैयार कर गाड़ियों में लगाए जाएंगे।

केन्द्रीय मंत्री गुरुवार को 90 हजार करोड़ रुपये की लागत से बन रहे दिल्ली-मुंबई ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे के निरीक्षण के दौरान पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे। उन्होंने दौसा जिले के धनावड़ और सोमाडा गांव में एक्सप्रेस-वे निर्माण कार्यों का जायजा लिया। उन्होंने रेस्ट एरिया में मॉडल की प्रदर्शनी को देखकर निर्माण कार्यों की समीक्षा की। उनके साथ आई तकनीकी टीम ने सड़क की मजबूती और गुणवत्ता की जांच भी की।

उन्होंने कहा कि रणथंभौर व मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व से निकलने वाले एक्सप्रेस-वे को ओवरब्रिज बनाकर निकाला जाएगा। इससे सेंचुरी में रहने वाले जीव-जंतुओं को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। उन्होंने कहा कि यह एक्सप्रेसवे प्रगति और विकास का मार्ग बनेगा। उद्योग व्यवसाय खड़े होंगे। रोजगार के नये अवसर बनेंगे। राज्य सरकार इस तरह की कोई योजना बनाए तो केन्द्र सरकार भी सहायता करेगी। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रियल क्लस्टर और लॉजिस्टिक्स पार्क की योजना इस एक्सप्रेस-वे के पास में लाई जाएगी।

नेशनल हाइवे व एक्सप्रेस वे पर टोल नीति में बदलाव की बात कहते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि आगामी दो साल में जीपीएस सिस्टम से टोल की व्यवस्था शुरू की जाएगी। इसमें एक सॉफ्टवेयर तैयार कर सैटेलाइट व जीपीएस से कनेक्ट किया जाएगा। इसके बाद जो भी वाहन हाइवे पर जितने भी किलोमीटर चलेगा, उसे उतना ही टोल देना होगा।

नेताओं पर चुटकी लेते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक्सप्रेस-वे बनने की भनक लगते ही नेताओं और बड़े लोगों द्वारा हाइवे के आसपास कौड़ियों के भाव जमीन खरीद ली जाती है। इससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है। ऐसे में किसान भाइयों से अपील करता हूं कि कोई भी अपनी जमीन को किसी बिल्डर या अन्य किसी को नहीं बेचें, बल्कि किसी डेवलपर के साथ मिलकर अपना बिजनेस शुरू करें, जिससे युवाओं को रोजगार मिल सके।

1350 किमी है हाइवे की लंबाई

दिल्ली-मुम्बई एक्सप्रेस-वे भारत माला परियोजना के तहत देश की राजधानी दिल्ली को देश की वाणिज्य राजधानी मुंबई से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण परियोजना है। केन्द्र सरकार 1350 किलोमीटर लंबे इस एक्सप्रेस वे को बनाने पर 90 हजार करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इस प्रोजेक्ट को जनवरी 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। यह हाइवे देश के 5 राज्यों दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात व महाराष्ट्र से होकर गुजरेगा।

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे पर अभी 8 लेन बनाए जा रहे हैं। इनके अलावा 4 लेन और बढ़ाए जाएंगे। 2 जाने और 2 आने के लिए। यह चारों लेन सिर्फ इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए होंगे। यह देश का पहला एक्सप्रेस-वे होगा, जिस पर डेडिकेटेड इलेक्ट्रिक व्हीकल फोर लेन होगी। ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे बनकर तैयार हो जाने से समय भी बचेगा और प्रदूषण भी कम होगा। एक्सप्रेस-वे के किनारे टाउनशिप और स्मार्ट सिटी बनाने का भी प्रस्ताव है, जिसका सर्वे जारी है।

दिल्ली-मुंबई के बीच 150 किलोमीटर की दूरी घटेगी

एक्सप्रेस वे के बनने के बाद मुंबई से दिल्ली तक का 13 घंटे में पूरा हो जाएगा। वर्तमान में दिल्ली से मुंबई पहुंचने में वाहनों को करीब 25 घंटे लगते हैं। इसके साथ ही दिल्ली-मुंबई के बीच 150 किलोमीटर की दूरी भी कम हो जाएगी। दिल्ली से दौसा तक का 280 किलोमीटर हाइवे का निर्माण दिसम्बर तक पूरा हो जाएगा। इसे लेकर एक्सप्रेस वे का निर्माण तेज गति से चल रहा है।

उल्लेखनीय है कि ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे प्रोजेक्ट 2018 में शुरू हुआ और 9 मार्च, 2019 को इसकी आधारशिला रखी गई।

इस अवसर पर सांसद जसकौर मीणा, राज्यसभा, सांसद डॉ. किरोड़ीलाल मीणा, ऊर्जा मंत्री बीडी कल्ला, बांदीकुई विधायक जीआर खटाना समेत राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी मौजूद थे।


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