संयुक्त राष्ट्र, 01 नवम्बर (हि.स.)। जम्मू एवं कश्मीर का दर्जा बदलने और उसके विभाजन के बीच इस मसले के अंतरराष्ट्रीयकरण करने की पाकिस्तानी कोशिशों को एक बार फिर जोर का झटका लगा है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने पड़ोसी को पुन: आईना दिखा दिया है।
संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुतारेस ने फिर से कहा है कि भारत और पाकिस्तान इस मसले का हल आपसी वार्ता से निकालें। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि मानवाधिकारों का सम्मान भी सुनिश्चित किया जाए।
विदित हो कि जम्मू कश्मीर अब पूर्ण राज्य नहीं रहा। इसके दर्जे में आए बदलाव और महासचिव के बयान के संबंध में पूछे गए एक सवाल के जवाब में संयुक्त राष्ट्र प्रमुख के उपप्रवक्ता फरहान हक ने कहा कि कश्मीर की स्थिति को लेकर बुनियादी चिंताओं पर महासचिव पहले ही कह चुके हैं। उन्होंने भारत और पाकिस्तान के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर स्थिति पर चर्चा करने का आग्रह भी किया है।
उन्होंने आगे कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने दोनों देशों, भारत और पाकिस्तान से इस मसले का हल वार्ता के जरिए निकालने की अपील की है। हक ने यह भी कहा कि उनका रुख साफ है। मानवाधिकारों के उच्चायुक्त भी स्पष्ट कर चुके हैं कि कश्मीर मसला का हल केवल मानवाधिकारों का पूरा सम्मान करते हुए ही निकाला जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि पाकिस्तान ने भारत से राजनयिक संबंध तोड़ लिए हैं और इस मुद्दे का अंतरराष्ट्रीयकरण करने का लगातार प्रयास कर रहा है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस मसले को संयुक्त राष्ट्र में भी उठाया, लेकिन इस मामले में भारत का रुख स्पष्ट है और इसे आंतरिक मामला मानता है। नतीजा है कि उसकी दाल कहीं नहीं गल रही है।