संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की पांच सीटों के लिए सात देश दावेदार

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नई दिल्ली, 17 जून (हि.स.)। संयुक्त राष्ट्र महासभा बुधवार को पश्चिमी और अफ्रीकी सीटों के लिए मतदान के साथ 2021 और 2022 के लिए सुरक्षा परिषद के पांच नए सदस्यों का चुनाव करेगी।

सुरक्षा परिषद में अफ्रीकी ब्लॉक की एक सीट के लिए के लिये केन्या और जिबूती आमने सामने हैं, जबकि पश्चिमी ब्लॉक में तीन देश कनाडा, आयरलैंड और नॉर्वे दो सीटों के लिए मुकाबला कर रहे हैं।

सुरक्षा परिषद का विस्तार करके उसमें एक स्थायी सीट हासिल करने की कोशिशों में असफल रहे भारत के एशिया-प्रशांत में एक सीट पर चुना जाना तय है क्योंकि वह निर्विरोध है। इसी तरह लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्र में मेक्सिको की स्थिति है।

अफ्रीकी देश बुधवार को एक चुनाव के लिए आमने-सामने आएंगे। इस बार वे आपस में सहमति से उम्मीदवार तय करने की अपनी परंपरा को कायम रखने में विफल साबित हुए।

केन्या अफ्रीकी संघ के समर्थन का दावा करता है, जबकि जिबूती का कहना है कि सुरक्षा परिषद में नैरोबी की पिछली भागीदारी और चक्रमण के सिद्धांत के कारण यह सीट उसे मिलनी चाहिए। फ्रेंच भाषी जिबूती और अंग्रेजी भाषी केन्या दोनों अफ्रीका के हॉर्न में शांति प्रयासों में अपनी भूमिकाओं और साथ ही साथ संयुक्त राष्ट्र के शांति विकल्पों में भी अपने योगदान का उल्लेख कर रहे हैं।

केन्या ने सोमालिया और दक्षिण सूडान के शरणार्थियों को शरण देने के साथ-साथ दोनों देशों की नाजुक सरकारों को समर्थन देने के कारण अपना दावा किया है। इसके विपरीत जिबूती फ्रांस, अमेरिका, चीन और जापान जैसे विभिन्न देशों के रणनीतिक अड्डों के साथ-साथ सोमालिया में अपने योगदान के लिए एक बड़ी भूमिका चाहता है।

यूरोप के लिए प्रतियोगिता अधिक औपचारिक है। कनाडा को सुरक्षा परिषद के लिए अपने 2010 में पिछले प्रयास में हार का सामना करना पड़ा था, जब महासभा ने इसके बजाय पुर्तगाल को चुना था। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सुरक्षा परिषद के चुनाव के नवीनतम प्रयासों में भारी निवेश किया है। जिसमें  हार के कारण संभवत: उनको घरेलू स्तर पर राजनीतिक शर्मिंदगी हो सकती है।

 


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