उदयपुर, 11 सितम्बर (हि.स.)। उदयपुर संभाग का सपना उदयपुर-अहमदाबाद आमान परिवर्तन अब सिर्फ खारवा चांदा – जावर के बीच की टनल पर निर्भर है। इस टनल का कार्य पूरा होते ही उदयपुर से अहमदाबाद ही नहीं पूरे दक्षिण भारत से रेलगाड़ी से जुड़ जाएगा। दिल्ली से मुम्बई का उदयपुर होते हुए सबसे छोटा मार्ग यही होगा। ऐसे में उदयपुरवासियों को हर तरफ जाने के लिए रेलगाड़ी उपलब्ध होगी और निजी बसों की मनमानी दरों से छुटकारा मिल सकेगा।
रेलवे सूत्रों के अनुसार उदयपुर-अहमदाबाद आमान परिवर्तन योजना की महत्वपूर्ण कड़ी खारवा चांदा – जावर के बीच की टनल है। यह पहले मीटरगेज के हिसाब से बनी हुई थी। अब इसे ब्रॉडगेज लाइन के लिए तैयार किया जाना है। इसे दोनों तरफ से खोदने का कार्य शुरू हो चुका है। अब तक यह एक तरफ से 45 मीटर और दूसरी तरफ से 65 मीटर की खुदाई का काम हो चुका है। रेलवे इंजीनियर्स का मानना है कि हर माह औसतन 100-125 मीटर तक की खुदाई होने की उम्मीद है। दोनों छोर से खुदाई कार्य चलने से टनल आर-पार होने में अब ज्यादा समय नहीं लगेगा। टनल की लंबाई करीब 850 मीटर है। इस टनल के अतिरिक्त इस आमान परिवर्तन परियोजना के अधिकांश पुलों का काम हो चुका है। तीन-चार पुल तैयार होने शेष बचे हैं जो टनल का कार्य पूरा होने तक तैयार हो जाएंगे।
उदयपुर-हिम्मतनगर आमान परिवर्तन परियोजना के खारवा चांदा-जावर के मध्य के टनल में ब्रॉडगेज बेलास्टलेस ट्रैक व बेलास्टलेस से बेलास्टलेस ट्रैक में ट्रांजिशन करने का निर्माण कार्य होगा। यह विशेष तकनीक से होने वाला निर्माण है। इसी तकनीक से दौसा-गंगापुरसिटी नई रेल लाइन परियोजना के डीडवाना-लालसोट रेलखण्ड के बीच भी एक टनल का निर्माण होगा।