नई दिल्ली, 02 अगस्त (हि.स.)। संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की दो दिवसीय सद्भावना यात्रा पर गए वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने सोमवार को यूएई वायु सेना और एयर डिफेंस के कमांडर मेजर जनरल इब्राहिम नासिर एम. अल अलावी से मुलाकात की। उन्होंने इस दौरान यूएई के महत्वपूर्ण वायु रक्षा प्रतिष्ठानों का भी दौरा किया। फ्रांस से आ रहे लड़ाकू राफेल विमानों को हर बार मध्य हवा में ईंधन देने के लिए यूएई वायुसेना के प्रति आभार जताने के साथ ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सम्बंधों को और मजबूत करने के लिहाज से एयर चीफ मार्शल की यह यात्रा महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
एयर चीफ मार्शल भदौरिया ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों में तेजी से हुई प्रगति को नोट किया। दोनों वायु सेनाओं के बीच मजबूत संबंधों को और मजबूत करने के उपायों की पहचान करने के लिए व्यापक बातचीत की। उन्होंने दो दिवसीय सद्भावना यात्रा के दौरान प्रमुख यूएई वायुसेना और एयर डिफेंस इकाइयों का भी दौरा किया।
वायुसेना प्रमुख का यह दौरा दोनों देशों के बीच सहयोग और सद्भावना को भी दर्शाता है क्योंकि फ्रांस से लाए जा रहे लड़ाकू राफेल विमानों को हर बार मध्य हवा में ईंधन भरने की सुविधा यूएई वायुसेना की मदद से ही दी जाती है। भारतीय वायुसेना की ओर से हमेशा ही इस सहायता के लिए यूएई की सराहना की गई है। भारतीय वायुसेना और यूएई वायुसेना के बीच पिछले कुछ वर्षों में महत्वपूर्ण पेशेवर बातचीत हुई है। यह यात्रा दोनों पक्षों के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी के हिस्से के रूप में रक्षा सहयोग और वायु सेना के स्तर के आदान-प्रदान को और मजबूत करेगी।
इसी साल मार्च में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) वायुसेना की मेजबानी में दस देशों की वायु सेनाओं के बीच अल-दाफरा एयरबेस पर ”डेजर्ट फ्लैग” युद्धाभ्यास हुआ था। इस बहुराष्ट्रीय युद्ध अभ्यास में पहली बार भारतीय वायु सेना ने संयुक्त अरब अमीरात, संयुक्त राज्य अमेरिका, फ्रांस, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया और बहरीन की वायु सेनाओं के साथ भाग लिया था। भारत और खाड़ी देशों के बीच बढ़ते सम्बंधों के बीच तीन सप्ताह तक चले इस हाई प्रोफाइल अभ्यास के बाद वायुसेना प्रमुख की यह पहली सद्भावना यात्रा है।