नई दिल्ली, 22 जून (हि.स.)। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के लिए 583 करोड़ रुपये की लागत से दो प्रदूषण नियंत्रण जहाजों (पीसीवी) का निर्माण किया जाएगा। रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को इसके लिए गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) के साथ एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं। भारतीय तटरक्षक बल को दोनों जहाजों की आपूर्ति मई, 2025 तक हो जाएगी।
रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता के अनुसार इन स्पेशल जहाजों को जीएसएल कंपनी स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित करेगी। यह अधिग्रहण रक्षा पूंजी खरीद के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता श्रेणी में ‘भारतीय खरीदें-स्वदेशी रूप से विकसित और निर्मित’ के तहत किया जाना है। इन दोनों जहाजों के निर्माण से समुद्र में तेल रिसाव की आपदाओं से निपटने के लिए आईसीजी की क्षमता बढ़ने के साथ ही प्रदूषण प्रतिक्रिया (पीआर) दक्षता में भी वृद्धि होगी। अनुबंध के मुताबिक दोनों जहाज भारतीय तटरक्षक बल को क्रमशः नवम्बर, 2024 और मई, 2025 तक मिल जायेंगे।
प्रवक्ता के अनुसार मौजूदा समय में आईसीजी के पास मुंबई, विशाखापत्तनम और पोरबंदर के बेड़े में तीन प्रदूषण नियंत्रण पोत हैं, जो भारतीय ईईजेड और द्वीपों के आसपास प्रदूषण निगरानी, तेल रिसाव निगरानी के साथ प्रतिक्रिया संचालन करते हैं। नए पीसीवी पूर्वी और पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील अंडमान और निकोबार क्षेत्रों में तैनात किये जाने हैं। हेलीकॉप्टर के संचालन की क्षमता वाले नए जहाजों में समुद्री तेल रिसाव रोकने, प्रौद्योगिकी के आधुनिक पीआर उपकरण के साथ कई उन्नत सुविधाएं होंगी। आत्मनिर्भर भारत अभियान के उद्देश्यों को पूरा करते हुए यह अनुबंध स्वदेशी जहाज निर्माण क्षमता को और बढ़ावा देगा। इससे जहाज निर्माण क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिसमें लगभग 200 एमएसएमई विक्रेता शामिल हैं।