पटना, 26 नवंबर (हि.स.)। ट्विटर ने पूर्व मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के उस ट्विट को विवादित बताते हुए डिलीट कर दिया जिसमें उन्होंने एक मोबाइल फोन नंबर जारी किया था। मोदी ने अपने ट्विटर हैंडल पर इस नंबर को जारी करते हुए आरोप लगाया था कि इसी नंबर से लालू यादव एनडीए विधायकों को फोन कर बिहार विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव प्रभावित कर सरकार गिराने का षडयंत्र कर रहे हैं।
इस ट्वीट में पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने करोड़ों के चारा घोटाले के चार मामलों में सजायाफ्ता पूर्व मुख्यमंत्री व राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर रांची के जेल से बिहार विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव को प्रभावित करने की नियत से भाजपा विधायक को फोन कर प्रलोभन देने का आरोप लगाया था। अगले दिन ट्विटर पर ही एक ऑडियो जारी करते हुए दावा किया था कि रांची की जेल में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से भागलपुर जिले के पीरपैंती विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक ललन पासवान को फोन किया और उन्हें मंत्री पद का प्रलोभन दिया। इसके बाद भाजपा विधायक ललन पासवान ने भी दावा किया था कि लालू यादव ने उन्हें फोन कर मंत्री पद का ऑफर देते हुए सरकार गिराने की बात कही। हालांकि उन्होंने यह ऑफर ठुकरा दिया। उन्होंने कहा कि लालू यादव का फोन तब आया जब वे पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी के आवास पर बैठे थे।
मांझी और सहनी ने भी लालू पर लगाये आरोप
अब पूर्व मुख्यमंत्री व हम (हिन्दुस्तान आवामी मोर्चा) प्रमुख जीतन राम मांझी और वीआईपी (विकासशील इंसान पार्टी) के मुकेश सहनी ने भी दावा किया है कि लालू यादव की ओर से संपर्क करने का काफी प्रयास किया गया। मांझी ने कहा कि लालू प्रसाद ने दर्जनों बार हमसे संपर्क करने की कोशिश की। हमें बताया गया कि लालू प्रसाद मुझे मुख्यमंत्री और बाकी हमारे विधायकों को मंत्री बनाना चाहते हैं। बिहार सरकार के मंत्री मुकेश सहनी ने भी कहा कि उनके पास भी लालू प्रसाद की ओर से कॉल आई थी, लेकिन अब फिर से उनके जाल में फंसने वाले नहीं हैं।