लॉस एंजेल्स, 31 अक्टूबर (हि.स.)। ट्विटर पर अब से राजनैतिक विज्ञापन नहीं लिये जाएंगे। फेसबुक प्रबंधन की ओर से इस माह के शुरू में ही कहा गया था कि उसके लिए राजनैतिक विज्ञापनों के मर्म को समझ पाना और उससे संबंधित तथ्यों का पता लगा पाना संभव नहीं है। इसलिए वह कथित असत्य को लंबे समय तक सोशल मीडिया पर जारी रखने के पक्ष में नहीं हैं। फ़ेसबुक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मार्क जुकरबर्ग ने पिछले सप्ताह कांग्रेस में अपने साक्ष्य में कहा था कि राजनीतिज्ञ चाहें तो फ़ेसबुक पर अपनी बात कह सकते हैं।
गौरतलब है कि पिछले महीने सितम्बर में ट्विटर सहित इस विषय पर चर्चा हुई थी, जब फ़ेसबुक और गूगल सहित एक कथित दिग्भ्रमित वीडियो विज्ञापन को हटाए जाने पर यह मामला सोशल मीडिया प्रभारी के सम्मुख आया था। इस वीडियो में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की ओर पूर्व उप राष्ट्रपति और सन 2020 में राष्ट्रपति पद के डेमोक्रेट उम्मीदवार जोए बिडेन को निशाना बनाया गया था। इस पर राष्ट्रपति पद की एक अन्य उम्मीदवार डेमोक्रेट एलिज़ाबेथ वारेन ने फ़ेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग को ही अपने विज्ञापन में निशाना बनाने की कोशिश कर डाली। इस विज्ञापन का सीधा सादा अर्थ यह था कि फ़ेसबुक डोनाल्ड ट्रम्प का समर्थन करता है।
इस पर सोशल मीडिया में ख़ासी बहस छिड़ गई थी। आलोचकों ने कहना शुरू कर दिया था कि फ़ेसबुक पर राजनैतिक विज्ञापन ख़ास तौर पर सन 2020 के राष्ट्रपति चुनाव तक बंद कर दिए जाने चाहिए। इस पर ट्विटर के सीईओ जैक डोरेसी ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि सोशल मीडिया पर राजनैतिक विज्ञापन का कोई औचित्य नहीं है। यह अन्य प्रचार माध्यमों की तुलना में अनैतिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देते हैं। अमेरिका में ज़्यादातर राजनैतिक विज्ञापन टेलीविज़न पर आते हैं।