वाशिंगटन 14 नवम्बर (हि.स.)। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन रिसेप के बीच व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम के खुशनुमा माहौल में एक बात साफ हो गई कि ट्रम्प रूस से एस 400 डिफेन्स सिस्टम की खरीद पर सहानुभूति पूर्ण रूख भी अपना सकते हैं।
तुर्की ने एक नाटो देश होते हुए अमेरिकी एफ-35 लड़ाकू विमानों के साथ रूस से एस 400 डिफ़ेंस सिस्टेम खरीदा है। इस पर ट्रम्प पिछले दिनों तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन रिसेप के इस रवैए को लेकर खासा खिन्न थे और तुर्की पर आर्थिक प्रतिबंध लगाए जाने के लिए चेतावनी दे चुके थे। एस 400 डेफेंस सिस्टम भारत भी खरीद रहा है। भारत और रूस के बीच अनुबंध की शर्तों पर विस्तार में चर्चा भी हो चुकी है। अमेरिका के साथ इंडो-प्रशांत सागर में सामरिक नीति के कारण भारत के इस प्रस्ताव को अमेरिका सिरे से खारिज कर चुका है।
व्हाइट हाउस में दोनों नेताओं की बातचीत के बाद ट्रम्प ने एर्दोगन की तारीफ के पुल बांधे और उन्हें अपना एक अच्छा मित्र बताया। वह यह भी भूल गए कि तुर्की सुरक्षा बलों ने सीरिया के उत्तर पूर्व में अमेरिकी सहयोगी कुर्दिश दल को खदेड़ दिया है। , बताया जाता है कि उन्होंने ओवल आफिस में हुई बातचीत में एर्दोगन को यह भी कहा कि वह किसी दूसरे देश की सीमाओं की सुरक्षा की बजाय पहले अपनी सीमाओं की सुरक्षा में अधिक फोकस करना चाहते हैं। इस पर अमेरिकी मीडिया में ट्रम्प के रूख को लेकर खासा चर्चा है।
एक नाटो देश तुर्की की ओर से अमेरिकी एफ-35 लड़ाकू विमानों के साथ रूस से पिछले महीनों एस-400 की खरीद की सभी रस्में पूरी कर लिए जाने के मीडिया के एक सवाल के जवाब में ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने एर्दोगन से बातचीत की है।हालांकि बुधवार दोपहर बाद हुई प्रेस वार्ता में इस बाबत कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। विदित हो, तुर्की की ओर से रूस से एस 400 डिफेंस सिस्टम की खरीद के बाद अमेरिका ने तुर्की को एफ-35 लड़ाकू विमान की खेप देने से साफ मना कर दिया था।