डेमोक्रेट तुलसी गाबार्ड का राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होना तकरीबन तय

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तुलसी हवाई द्वीप से कांग्रेस के प्रतिनिधि सभा की सांसद हैं और नेशनल कोस्ट गार्ड में वरिष्ठ अधिकारी हैं।



लॉस एंजेल्स, 28 दिसम्बर (हि.स.)। हिंदू अमेरिकन डेमोक्रेट तुलसी गाबार्ड का राष्ट्रपति पद की दौड़ से बाहर होना तक़रीबन तय है। भारतीय अमेरिकी नागरिकों में अत्यधिक लोकप्रिय और राष्ट्रपति पद की दौड़ के लिए संभावित डेमोक्रेट उम्मीदवारी में तुलसी गाबार्ड अपेक्षित मतदाता संख्या और चुनाव मैदान में बने रहने के लिए छोटे छोटे चंदे देने वालों की अपेक्षित संख्या का जुगाड़ करने में सफल नहीं हो पा रही हैं।
तुलसी हवाई द्वीप से कांग्रेस के प्रतिनिधि सभा की सांसद हैं और नेशनल कोस्ट गार्ड में वरिष्ठ अधिकारी हैं। तुलसी को 18 दिसम्बर को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के विरुद्ध प्रतिनिधि सभा में महाभियोग में मतदान के समय डेमोक्रेट होते हुए पक्ष अथवा विपक्ष में वोट न देकर मात्र उपस्थिति दर्ज कराए जाने के निर्णय पर भारी समर्थन मिला था।
तुलसी गाबार्ड को प्रारंभ में भारतीय अमेरिकी मतदाताओं और दान दाताओं से बड़ा सहयोग मिला। मौजूदा जानकारी के अनुसार पहली तिमाही में तुलसी को भारतीय अमेरिकी नागरिकों से दो लाख चालीस हज़ार डालर तथा एशियाई समुदाय से कुल मिला कर तीन लाख नब्बे हज़ार डालर चंदे के रूप में मिले थे। तत्पश्चात तुलसी की सफलताओं के आधार पर 65 लाख डालर मिले थे, जिसमें 23 लाख डालर बड़ी चंदे की रक़म थी। इस चंदे की रक़म में  बड़े चंदे की रक़म के साथ साथ फ़ुटकर में छोटी-छोटी रक़म का उतना ही  महत्व है, जो मतदाताओं में एक उम्मीदवार की पहुंच को अभिव्यक्त करता है। इस लक्ष्य में 19 दिसम्बर को हुई डिबेट में भाग लेने वाले संभावित उम्मीदवारों में बर्नी सैंडर्स सात करोड़ 43 लाख डालर चंदे की रक़म जोड़ कर सब से आगे रहे। इसमें से छह करोड़ चौदह लाख डालर फ़ुटकर राशि थी। इनके अलावा एलिज़ाबेथ वारेन को चार करोड़ नब्बे लाख डालर सहित  छह करोड़ डालर मिले।
चुनाव विश्लेषकों का मत है कि तुलसी गाबार्ड का 19 दिसम्बर को लॉस एंजेल्स के लोयला मैरीमोंट यूनिवर्सिटी में आयोजित डिबेट में  भाग नहीं ले पाना यह दर्शाता है कि वह बहुत फ़ुटकर चंदे सहित अन्यान्य कारणों से मौजूदा उम्मीदवारों की होड़ में बहुत पिछड़ रहीं हैं। इससे पूर्व कैलिफ़ोर्निया से सीनेटर कमला हैरिस भी चुनाव के लिए अपेक्षित धन जुटा पाने में असमर्थता के कारण मैदान से स्वत: हट गई थीं।  इस डिबेट में केवल सात संभावित उम्मीदवार भाग ले सके। एशियाई उम्मीदवारों में एकमात्र एंड्रयू यांग ने डिबेट में भाग  लिया। इनके अलावा पूर्व उपराष्ट्रपति जोई बिडेन, वरमोंट से सीनेटर और समाजवादी बर्नी सैंडर्स, इंडियाना से साउथ बेंड मेयर पीट बूटिगेग, मैसाचुटेस से सीनेटर एलिज़ाबेथ वारेन, सीनेटर एमी क्लोबूचर, टॉम स्टेयर मुख्य हैं। तुलसी गाबार्ड ने 19 दिसम्बर की डिबेट से पूर्व स्वयं घोषणा कर दी थी कि वह अन्यान्य कारणों से डिबेट में भाग नहीं ले सकेंगी।

 


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