लॉस एंजेल्स, 20 जून (हि.स.)। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की प्योंग यांग की अकस्मात यात्रा से ‘हतप्रभ’ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प हरकत में आ गए हैं। ओसाका में जी-20 देशों की बैठक से पहले शी जिनपिंग और उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग की बातचीत का कोई एजेंडा घोषित नहीं किया गया है। न ही इन दोनों नेताओं ने अपनी शिखर वार्ता पर कोई प्रतिक्रिया ज़ाहिर की है लेकिन दुनिया की निगाहें सूर्खियों में रहे इन नेताओं पर टिक गई हैं। अमेरिकी स्टॉक मार्केट में फिलहाल इसके सुखद परिणाम सामने आ रहे हैं। टेक बहुल शेयर इंडेक्स ‘एस एंड पी 500’ बुधवार को एक प्रतिशत चढ़ गए।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मंगलवार को दिनभर के अपने व्यस्त कार्यक्रम में शी जिनपिंग से टेलीफोन पर बात की और ओसाका में दोनों देशों के बीच ट्रेड युद्ध को लेकर मौजूदा गलतफहमियों को दूर किए जाने पर चर्चा की। उन्होंने फोन पर बातचीत के बाद ट्वीट कर आशा जताई कि अगले सप्ताह जापानी महानगर ओसाका में आयोजित जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन में अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध पर बातचीत के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि ओसाका में वार्ता से पूर्व दोनों देशों के व्यापार प्रतिनिधि बातचीत करेंगे। पिछली मई में दोनों देशों के बीच वार्ता में गतिरोध आने के बाद ट्रम्प ने चीन से आयातित 200 अरब डालर के चीनी उत्पादों पर 25 फीसदी सीमा शुल्क लगाने की धमकी दी थी। इस पर चीन ने यह कहकर कड़ा रुख अपनाया था कि अब बातचीत का सिलसिला अमेरिकी शुरुआत के बाद ही प्रारंभ होगा।
उल्लेखनीय है कि ट्रम्प ने बीते मंगलवार को व्हाइट हाउस में दूसरी पारी के लिए फ़्लोरिडा के शहर ओरलैंडो में 20 हजार दर्शकों के सम्मुख राष्ट्रपति चुनाव-2020 की घोषणा की थी। ट्रम्प को यह मालूम है कि उनके हितैषी एक दर्जन मिड वेस्ट राज्यों में सोयाबीन की पैदावार करने वाले किसान चीन के साथ व्यापार युद्ध के कारण हताश-निराश हैं। ट्रम्प यह कभी नहीं चाहेंगे कि आगामी चुनाव से पहले व्यापार युद्ध विकराल रूप धारण करे। इसका दूसरा कारण यह भी है कि व्यापार युद्ध के बावजूद अमेरिका अपना व्यापार घाटा कम नहीं कर पाया है। ट्रम्प और किम जोंग उन के बीच हनोई में शिखर वार्ता अधूरी समाप्त होने के बाद अमेरिका और उत्तर कोरिया में दूरियां पैदा हो गई थीं। अमेरिका की हरसंभव कोशिश होगी कि वह इस सिलसिले में पहले की तरह चीन का सहयोग ले और कोरियाई द्वीप में शांति स्थापित हो।
व्हाइट हाउस के आर्थिक सलाहकार लैरी कुडोलव ने अमेरिका-चीन के बीच व्यापार वार्ता के फिर से शुरू होने को शुभ संकेत बताया। उन्होंने कहा कि गतिरोध की बजाय वार्ता प्रारंभ होना अच्छी बात है।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग उत्तरी कोरिया के दो दिवसीय दौरे पर गुरुवार को प्योंग योंग पहुंचे। चीनी राष्ट्रपति की उत्तरी कोरिया में पहली राजकीय यात्रा है। इससे पहले शी और किम जोंग पेचिंग और चीन-उत्तरी कोरियाई सीमावर्ती चीनी शहर दालियन में मिल चुके हैं। यों इन दोनों देशों के बीच 70 साल पुराने कूटनीतिक संबंधों की यह वर्षगांठ भी है। दोनों देशों के बीच मिसाइल प्रक्षेपण और संयुक्त राष्ट्र की ओर से आर्थिक प्रतिबंधों के बाद कोरियाई द्वीप में तनाव से दूरियां बढ़ गई थी। किम जोंग उन की चीनी राष्ट्रपति से पहली मांग आर्थिक प्रतिबंधों में ढील की गुज़ारिश करना होगा। जबकि चीन की कोशिश होगी कि पूर्वी एशियाई देशों में अपने नेतृत्व को आगे बढ़ा सकें।