वाशिंगटन, 01 अक्टूबर (हि.स.)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप लाए गए महाभियोग प्रस्ताव से तनिक भी विचलित नहीं हुए हैं, बल्कि उन्होंने इसे चुनावी हथियार बना लिया है और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक तरह से जंग छेड़ दिया है। इस मामले में उन्होंने यूक्रेन के बाद अब ऑस्ट्रेलिया से मदद मांगी है।
विदित हो कि भ्रष्टाचार की जांच को लेकर यूक्रेन के राष्ट्रपति से बातचीत करने के आरोप में ट्रंप के ऊपर महाभियोग चलाया जा रहा है। अमेरिका की प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी ने राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की प्रक्रिया शुरू कर दी है। लेकिन इन आरोपों से बचाव की मुद्रा में आने की जगह उन्होंने आक्रामक रुख अपना लिया है।राष्ट्रपति ट्रंप ने पिछले राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की जांच को लेकर ऑस्ट्रेलियाई राष्ट्रपति स्कॉट मॉरिसन से मदद मांगी है। ट्रंप पर आरोप लगा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए उन्होंने रूस के साथ गोलबंदी की थी और विजयी भी हुए थे।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रपति ट्रंप पर आरोप है कि उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदीमीर जेलेंस्की से फोन पर बात कर उनपर दबाव बनाया कि वे डेमोक्रेटिक नेता जो बिडेन और उनके बेटे के खिलाफ भ्रष्टाचार के दावों की जांच शुरू करें। ऐसा न करने पर ट्रंप ने यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य मदद रोकने की भी धमकी दी। साल 2020 में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जो बिडेन डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप और राष्ट्रपति व्लोदीमीर जेलेंस्की के बीच यह वार्ता 25 जुलाई को हुई थी।इसका खुलासा एक व्हिसल ब्लोअर ने किया। इस व्यक्ति ने खुफिया अधिकारियों को इस बात की जानकारी दी। डेमोक्रेट्स नेताओं का कहना है कि ट्रंप आगामी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने के लिए विदेशी सरकार की मदद ले रहे हैं जो नियमों का उल्लंघन है।