दावोस, 22 जनवरी (हि.स.)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने विश्व आर्थिक सम्मेलन में दुनिया भर से जुटे अर्थशास्त्रियों, राजनेताओं और दस धनिकों की भीड़ में अपनी पीठ थपथपाते हुए कहा कि देखिए पिछले तीन साल में कैसे अमेरिका आर्थिक फ़्रंट पर असाधारण समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। यहां स्टाक मार्केट आए दिन नई छलांगें लगा रहा है।
ट्रम्प ने कहा कि रोज़गार पिछले अनेक दशकों में नई-नई ऊंचाइयों के साथ कीर्तिमान स्थापित कर रहा है और ‘ब्ल्यू क़ालर’ जाब्स की भी अब कोई कमी नहीं है। हालांकि यह दूसरी बात है कि विपक्ष उन्हें उन्हीं की नीतियों को लेकर कटघरे में खड़ा कर महाभियोग लगा रहा है। उन्होंने प्रतिपक्ष की ओर से उनके विरुद्ध चलाए जा रहे महाभियोग के अभियान को षड्यंत्र की संज्ञा दी है।
आर्थिक सम्मेलन में दुनिया भर के राजनेताओं को समृद्धि के लिए आगे बढ़ने की घुट्टी पिलाते हुए ट्रम्प ने कहा कि उन्होंने वह कर दिखाया है, जो उनके पूर्ववर्ती नहीं कर पाए। उन्होंने आह्वान किया कि आशावादी बनें।
उल्लेखनीय है कि ट्रम्प दूसरी बार इस सम्मेलन में भाग लेने आए हैं। विश्व आर्थिक सम्मेलन की 50वीं जयंती पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल सहित भारत के आठ प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल, ‘छपाक’ फ़िल्म से विवादों के घेरे में आईं सिने तारिका दीपिका पादुकोण सहित अनेक अर्थशास्त्री, सम्मेलन के मुख्य विषय पर्यवारण संतुलन को लेकर दुनिया भर में सनसनी फैलाने वाली स्विडिश बालिका ग्रेटा थनबर्ग मौजूद थीं।
पेरिस क्लाइमेट चेंज को लेकर प्रारंभ से ही मैन में ग्रंथि पाले ट्रम्प ने कहा कि यह एक ‘धोखा’ है। उनके कहने का स्पष्ट भाव यह था कि दुनिया भर में प्रदूषण फैलाने वाले देशों की निगाहें अमेरिका पर लगी हैं। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि यूरोप आंखें खोले और अमेरिकी तेल और गैस की आपूर्ति की ओर कदम बढ़ाए। इस चार दिवसीय सम्मेलन में थनबर्ग भी एक मुख्य वक़्ता हैं, लेकिन विडंबना देखिए कि छोटी उम्र में अपनी पढ़ाई-लिखाई और घर-द्वार छोड़कर पर्यावरण के ख़तरों की दूंदभी बजाने वाली ग्रेटा थनबर्ग उस समय अपना माथा पकड़े हुए थीं।
दीपिका पादुकोण को इस आर्थिक सम्मेलन की पूर्व संध्या पर सोमवार को क्रिस्टल अवार्ड से नवाज़ा गया। यह अवार्ड स्वयं इस सम्मेलन की सह संयोजक हिल्डे स्वाब ने उन्हें दिया। दीपिका ने इस अवसर पर कहा कि अन्यान्य रोगों की तरह विषाद और चिंता भी एक तरह का रोग है, जिसका धर्य से उपचार संभव है। इन दिनों दीपिका समाज में फैले इस अभिशाप से लोहा लेने में लगी हैं। कहती हैं कि उनका ख़ुद का अनुभव है कि विषाद और चिंताओं पर विजय पाई जा सकती है। बस इसके निदान में आस्था और समर्पण दोनों की ज़रूरत है।
दीपिका ने कहा कि लगाव और घृणा से उन्होंने बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस रोग से एक दो ही नहीं, दुनिया भर में चिंताएं और विषाद के साथ जीवन जीने वालों की कमी नहीं है, लेकिन आप धैर्य और समर्पण के साथ जुट जाएंगे तो विजय आपके साथ होगी।