लॉस एंजेल्स, 27 अगस्त (हि.स.)। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ऐतिहासिक शिखर बैठक के लिए सहमति दे दी है। यह बैठक अगले कुछ सप्ताह में हो सकती है लेकिन बैठक कहां और किस स्थान पर होगी, इसकी घोषणा नहीं की गई है।
फ्रांस के बियारिट्ज शहर में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन मेज़बान फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने सोमवार को कहा कि ट्रम्प और रूहानी के बीच बहुप्रतिक्षित शिखर बैठक के लिए दोनों पक्षों से बातचीत हो चुकी है। यह बैठक अगले कुछ सप्ताह में हो सकती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सत्तारूढ़ होने के पश्चात पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और पांच बड़े देशों फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, रूस और चीन के बीच सन् 2015 में आणविक समझौते से हाथ खींच लिए थे। उन्होंने ईरान से व्यापार करने वाले देशों के विरुद्ध एकतरफा प्रतिबंध लगा दिए थे। जिसके बाद चीन को छोड़ कर भारत सहित जापान, दक्षिण कोरिया, टर्की आदि देशों ने ईरान से कच्चा तेल लेना बंद कर दिया था। इस पर ईरान की इकॉनमी काफी प्रभावित हुई थी लेकिन इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ने झुकने की बजाय आणविक हथियारों के लिए यूरेनियम संवर्धन की कार्रवाई तेज करने की चेतावनी दी। यही नहीं, खाड़ी मेंं ईरान के स्ट्रेट ऑफ होर्मुज में अंतरराष्ट्रीय तेल टैंकरों के आवागमन को लेकर भी अमेरिका और ईरान के बीच तनाव बढ़ा।
फ्रांसीसी राष्ट्रपति की पहल पर रविवार को ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जावेद जरीफ का अचानक बिआरिट्ज पहुंचना, ईरानी इस्लामिक रिपब्लिक सरकार के कूटनीतिक प्रयासों के ज़रिए अमेरिका से बातचीत की जानकारी दिया जाना और फिर इस संदर्भ में ट्रम्प को शिखर बैठक के लिए तैयार करने में एमैनुएल मैक्रों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस तरह ग्रुप-7 देशों का शिखर सम्मेलन एक दोस्ताना अन्दाज़ में सम्पन्न हो सका।
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी की ओर से दावा किया गया है कि ईरानी राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ट्रम्प से मुलाकात करने के लिए सहमति व्यक्त कर दी है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है। वह राष्ट्रहित में किसी भी व्यक्ति से मिलने को तैयार हैं। उन्होंने त्वरित टिप्पणी करते हुए कहा है कि ‘रास्ता कांटो भरा है लेकिन बेजोड़ है।’