लॉरपोरा में मारे गए तीनों युवक आतंकवाद में थे शामिल, माता-पिता को देंगे ‘ठोस सबूत’: आईजीपी कश्मीर
श्रीनगर, 18 जनवरी (हि.स.)। पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) कश्मीर रेंज विजय कुमार ने सोमवार को कहा कि लॉरपोरा में मारे गए तीनों युवक आतंकवाद में शामिल थे और पुलिस जल्द ही उनके माता-पिता को इसके ‘ठोस सबूत’ देगी। उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादियों के शवों को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर परिवारों को नहीं सौंपा जा रहा है, क्योंकि तमाम लोग अंतिम संस्कार में इकट्ठा होंगे।
सड़क सुरक्षा सप्ताह समारोह के मौके पर पत्रकारों से बात करते हुए आईजीपी कश्मीर रेंज विजय कुमार ने कहा कि हमने 60 प्रतिशत सबूत एकत्र किए हैं और आने वाले दिनों में हम कुछ और सबूत एकत्र करेंगे जिसमें कुछ तकनीकी स्तर के भी होंगे। इन सबूतों को सबसे पहले इन तीनों के माता-पिता को देकर बताया जाएगा कि उनके बेटे आतंकवाद में शामिल थे और आतंकवादियों को सहायता प्रदान कर रहे थे।
उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मारे गए युवाओं में से एक के पिता ने अपने बेटे के शव की मांग की है लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण मारे गए आतंकवादियों के शव उनके परिवारों को नहीं सौंपे जा रहे हैं।यदि हम शवों को सौंपते हैं, तो लोग अंतिम संस्कार के लिए इकट्ठा होंगे और कोविड प्रोटोकॉल को तोड़ेंगे, जिससे लोगों का जीवन खतरे में पड़ जाएगा। उन्होंने कहा कि मारे गए आतंकवादियों के शवों को उनके परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में दफनाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि युवाओं को ओजीडब्ल्यू के रूप में आतंकवाद में लालच दिया जा रहा है क्योंकि उन्हें पिस्तौल और हथगोले प्रदान किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि कल हमने अनंतनाग के एक युवक को एक पिस्तौल और ग्रेनेड के साथ गिरफ्तार किया, जिसे किसी को मारने का काम सौंपा गया था। हम इस पर काम कर रहे हैं और मानव ट्रैकिंग के माध्यम से प्रवृत्ति का मुकाबला करेंगे और यह हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता है। आईजीपी ने 26 जनवरी की व्यवस्था के बारे में कहा कि आतंकवादी समारोह को बाधित करने की कोशिश करेंगे, लेकिन पुलिस यह सुनिश्चित करेगी कि ऐसे सभी प्रयासों को नाकाम कर दिया जाए।