नई दिल्ली, 23 नवम्बर (हि.स.)। पश्चिम बंगाल में भाजपा से अपने नेताओं की घर वापसी के बाद तृणमूल कांग्रेस ने दूसरे राज्यों में भी अन्य दलों के नेताओं के लिए अपने द्वार खोल दिए हैं। इसी क्रम में मंगलवार को कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद कीर्ति आजाद और अशोक तंवर ने तृणमूल कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने यहां कीर्ति आजाद और अशोक तंवर को प्राथमिक सदस्यता की पर्ची और अंगवस्त्र देकर तृणमूल कांग्रेस में शामिल कराया।
आजाद वर्ष 2014 में भाजपा के टिकट पर लोकसभा पहुंचे थे। 2019 के आम चुनाव में उन्होंने भाजपा को अलविदा कह कांग्रेस का हाथ थाम लिया था। किंतु, संसद की दहलीज न लांघ सके। वहीं, अशोक तंवर ने अक्टूबर 2019 में कांग्रेस को अलविदा कह अपना भारत मोर्चा का गठन किया था। तंवर राहुल गांधी के करीबी नेताओं में से एक रहे हैं। वह वर्ष 2009 से 2014 तक हरियाणा की सिरसा सीट से लोकसभा सदस्य रहे हैं। वह यूथ कांग्रेस और हरियाणा कांग्रेस के अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
तृणमूल में शामिल होने के बाद कीर्ति आजाद ने कहा कि उन्हें खुशी हो रही है कि वह ममता बनर्जी के नेतृत्व में देश के विकास के लिए काम करेंगे। उन्होंने कहा कि आज देश को ममता बनर्जी सरीखे नेताओं की जरूरत है जो देश को दिशा दे सकें।
आजाद और तंवर से पहले महिला कांग्रेस की अध्यक्ष और असम की वरिष्ठ नेता सुष्मिता देव ने कांग्रेस छोड़ तृणमूल का दामन थाम लिया। परिणाम स्वरूप ममता ने उन्हें राज्यसभा भेज दिया।
इससे पहले, भाजपा नेता मुकुल रॉय, भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो समेत कई नेताओं ने तृणमूल की सदस्यता ग्रहण की। रॉय तृणमूल के वरिष्ठ नेता और ममता के करीबी थे, किंतु उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बाद उन्होंने घर वापसी करते हुए तृणमूल की सदस्यता ली। उनके बाद भाजपा में रहे पश्चिम बंगाल के कई नेताओं ने तृणमूल में वापसी की।
उल्लेखनीय है कि गत सोमवार से ममता बनर्जी दिल्ली दौरे पर हैं। संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले उनका यह दौरा महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस दौरान वह विभिन्न दलों के नेताओं से भी मुलाकात करेंगी।