नई दिल्ली, 15 मई (हि.स.)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कोविड-19 पर उच्च स्तरीय बैठक में राज्यों से आग्रह किया कि वह कोरोना महामारी के आंकड़ों को लेकर पारदर्शिता बरतें ताकि वास्तविक स्थिति का आभास रहे और उससे बेहतर ढंग से निपटा जा सके। साथ ही प्रधानमंत्री ने कुछ राज्यों में वेंटिलेटर बेकार पड़े रहने पर भी चिंता व्यक्त की और इस संबंध में ऑडिट कराये जाने की बात कही।
प्रधानमंत्री मोदी ने आज कोविड स्थिति और वैक्सीनेशन कार्यक्रम के बारे में उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि देश का महामारी के खिलाफ अभियान वैज्ञानिकों और विशेषज्ञों के परामर्श पर आगे भी जारी रहेगा।
बैठक में प्रधानमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्र में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर विशेष ध्यान देने पर जोर दिया। उनका आग्रह था कि राज्य इन क्षेत्रों में घर-घर जाकर जांच और सर्वेलेंस का कार्य करें। लोगों को कोविड उपचार के बारे में जागरूक किया जाए। साथ ही ऑक्सीजन का जिला व ग्रामीण स्तर पर उचित वितरण हो। साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों को उपकरणों के उपयोग के बारे में जानकारी देने तथा आंगनबाड़ी व आशा वर्कर को जरूरी टूल मुहैया करा सशक्त बनाने पर जोर दिया।
उच्च स्तरीय बैठक में अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को देश में कोरोना की वर्तमान स्थिति से अवगत कराया। उन्हें बताया गया कि मार्च में 50 लाख के स्थान पर अब देश में 1.3 करोड़ टेस्ट हर सप्ताह किए जा रहे हैं। साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों, राज्य और केन्द्र सरकार के प्रयासों से अब संक्रमण के मामले भी कम हो रहे हैं जो एक समय में प्रतिदिन 4 लाख से ऊपर पहुंच गए थे।
इस दौरान अधिकारियों ने प्रधानमंत्री को वैक्सीनेशन कार्यक्रम संबंधी रोडमैप से भी अवगत कराया।