लॉस एंजेल्स,16जून (हि.स.)। अमेरिका के साथ कारोबारी जंग के मद्देनजर रूस और चीन एकजुट हो गए हैं। रूस का अमेरिका से सीधा 36 का आंकड़ा है। उधर,यूरोपीय देश भी ईरान और रूस पर प्रतिबंधों के कारण एकजुट हो रहे हैं।
विदित हो कि बेल्ट एंड रोड परियोजना के ज़रिए चीन को 15.6 अरब डाॅलर का बिज़नेस मिला है।रूस ने इस साल एक अरब डाॅलर मूल्य के बांड मास्को एक्सचेंज के ज़रिए युआन में निवेश किए जाने की घोषणा की है।
ऐसी स्थिति में चीन ने मुद्रा एक्सचेंज में डाॅलर के प्रभाव को कम करने के लिए युआन को अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में आगे बढ़ाने का उपक्रम किया है, ताकि डाॅलर के दुष्प्रभावों को कम किया जा सके। इसके लिए चीन ने स्विफ्ट अर्थात सोसाइटी फ़ार वल्ड वाइड इंटर बैंक फ़ाइनेंशियल टेलिकमयुनिकेशंस (स्विफ्ट) की जगह क्राॅस बार्डर इंटर बैंक पेमेंट सिस्टम को उन्नत किए जाने का बीड़ा उठा लिया है। उसने सीआईपीएस के तहत युआन को अन्तर्राष्ट्रीय मुद्रा के रूप में स्थापित किया है।
इसके अंतर्गत एशियन इंफ्रास्ट्रक्चर, निवेश बैंक, ब्रिक्स, एवं रसिया चाइना बैंक शामिल हैं। इसका दायरा बढ़ाने के लिए यूरोप ने स्विफ्ट के समानांतर वैकल्पिक व्यवस्था खड़ी करने पर विचार किया है।ईरान ने तो पहले ही इस दायरे में आने का फ़ैसला कर लिया है।