गांवों तक फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स लगने से किसानों को मिलेगा सीधा फायदाः तोमर

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नई दिल्ली, 27 नवम्बर (हि.स.)। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि देशभर में कृषि विज्ञान केंद्रों का ज्ञान और राज्यों के संसाधनों का लाभ छोटे किसानों तक पहुंचाया जाएं। साथ ही उन्होंने गांव-गांव फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स लगाने पर जोर दिया है ताकि इसका लाभ सीधे किसानों को मिल सकें और उनकी आय में इजाफे के साथ ही कृषि निर्यात को भी बढ़ाया जा सके।

तोमर ने शुक्रवार को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की क्षेत्रीय जलवायुवीय समिति-IV (उत्तर प्रदेश, बिहार व झारखंड) की द्विवार्षिक बैठक की अध्यक्षता की। राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को शामिल करते हुए जलवायु के हिसाब से अलग-अलग जोन बनाकर आठ समितियां गठित की गई हैं ताकि क्षेत्र विशेष की समस्याएं मालूम कर उन पर चर्चा करते हुए,किसानों व कृषि क्षेत्र के हित में प्लानिंग कर समाधान के प्रयास किए जा सकें।

तोमर ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि हम सभी का एक ही लक्ष्य है कि हमारे देश की कृषि उन्नत कृषि के रूप में आगे बढ़े, (सकल घरेलू उत्पाद) जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान बढ़े, वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी हो, कृषि का क्षेत्र भी लाभप्रद हो और इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर सृजित हो। इस दिशा में केंद्र व राज्य सरकारें लगातार काम कर रही है।

उन्होंने कहा कि तरक्की के लिए शिक्षा जरूरी है और संतोष की बात है कि आईसीएआर के जरिये कृषि शिक्षा को सतत बढ़ावा दिया जा रहा है, वैज्ञानिक नित-नए अनुसंधान कर रहे हैं। नई शिक्षा नीति में कृषि के बिदुंओं को लेकर आईसीएआर गंभीरता से काम कर रहा है। देश में कृषि के विकास में किसानों की अथक मेहनत के साथ ही कृषि वैज्ञानिकों के शोध का लाभ मिला है, जिससे भारत आज खाद्यान्न में आत्मनिर्भर ही नहीं बल्कि अतिशेष है। बागवानी, दूध उत्पादन सहित अन्य उत्पादों के उत्पादन में अधिकांश में भारत पहले या दूसरे नंबर पर है। कृषि निर्यात बढ़ाने के लिए भी भारत सरकार लगातार प्रयास कर रही हैं। कृषि क्षेत्र में उत्पादन व उत्पादकता बढ़ाने में सफलता मिल रही है, यह क्षेत्र आय केंद्रित भी बने, इस पर सरकार का पूरा ध्यान है।

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि छोटे रकबे में भी किसानों की आय वृद्धि के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पीएम किसान स्कीम लागू की। देश में 86 प्रतिशत छोटे किसान है, जिनका रकबा तो नहीं बढ़ाया जा सकता, लेकिन उन्हें तकनीकी समर्थन देकर, एफपीओ से जोड़कर समृद्धि लाने का काम किया जासकता है।10 हजार नए एफपीओ बनाने, 1 लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड,10 हजार करोड़ रुपये के निवेश से छोटी फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स की स्थापना, मछलीपालन, पशुपालन, मधुमक्खी पालन व अन्य माध्यमों से कृषि क्षेत्र में निजी निवेश बढ़ाने सहित अन्य उपाय कर सरकार किसानों-कृषि क्षेत्र की समृद्धि के लिए सतत प्रयास कर रही है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गांव-गांव इंफ्रास्ट्रक्चर होगा तो किसान उपज बाद में उचित मूल्य पर बेच सकेंगे। छोटी फूड प्रोसेसिंग यूनिट्स गांव-गांव खुलने से भी किसानों को लाभ मिलेगा।

 


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