मुकुल के बेटे शुभ्रांशु की विस सदस्यता रद्द करवाने की जुगत में तृणमूल

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पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से टीएमसी ने मुकुल के बेटे को छह सालों के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था। इसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए हैं।



कोलकाता, 22 जून (हि.स.)।  भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी  सदस्य मुकुल रॉय के बेटे शुभांशु राय को विधायक पद से बेदखल करने के लिए तृणमूल    विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी के पास आवेदन करेगी। शनिवार को यह जानकारी तृणमूल के एक वरिष्ठ नेता ने दी है। उन्होंने बताया कि पार्टी विरोधी गतिविधियों की वजह से टीएमसी ने मुकुल के बेटे को छह सालों के लिए पार्टी से निलंबित कर दिया था। इसके बाद वे भाजपा में शामिल हो गए हैं। ऐसे में दल बदल अधिनियम  के तहत उन्हें टीएमसी के टिकट पर विधायक बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। इसलिए उनकी विधायकी खारिज करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पास आवेदन किया जाएगा।

दरअसल शुक्रवार से ही विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हुआ है। पहले दिन श्रद्धांजलि देने के बाद विधानसभा की कार्यवाही मुल्तवी कर दी गई थी। सोमवार से कार्यवाही शुरू होगी। माना जा रहा है कि सोमवार को ही शुभ्रांशु राय के खिलाफ विधानसभा अध्यक्ष विमान बनर्जी के पास टीएमसी आवेदन कर सकती है। न केवल शुभ्रांशु बल्कि बीरभूम जिले के लाभपुर से विधायक मनीरूल इस्लाम, उत्तर 24 परगना के नोवापाड़ा से विधायक सुनील सिंह और बनगांव (उत्तर) से विधायक विश्वजीत दास के खिलाफ भी इसी तरह का आवेदन किया जाएगा। ये चारों ही भाजपा में शामिल हो गए हैं और इनकी विधायकी खारिज करने के लिए पार्टी मांग करेगी। उक्त नेतृत्व ने बताया कि तृणमूल महासचिव और विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री पार्थ चटर्जी इसके लिए आवेदन करेंगे। शुक्रवार को ही पार्टी ने इन विधायकों के वेतन से पार्टी के लिए काटे जाने वाली मदद राशि को भी बंद करने का आवेदन किया है। इसके लिए संबंधित बैंक को चिट्ठी लिखी गई है और कहा गया है कि चारों विधायकों के वेतन से जो धनराशि पार्टी चंदा के रूप में प्रति महीने स्वत: काट ली जाती थी उसे बंद कर दिया जाए।

हालांकि सूत्रों का कहना है कि टीएमसी की कोशिश बहुत जल्दी सफल नहीं होगी। उल्लेखनीय है कि साल 2016 में जीत दर्ज करने वाले कांग्रेस और माकपा के कई विधायकों ने टीएमसी का दामन थाम लिया था। तब माकपा और कांग्रेस की ओर से भी उन विधायकों की सदस्यता  खारिज करने की मांग की गई थी लेकिन आज तक विधानसभा अध्यक्ष ने किसी भी मामले में कार्यवाही नहीं की है। यहां तक कि इन दोनों पार्टियों ने उन विधायकों की प्राथमिक सदस्यता खारिज करने का आवेदन भी किया था जिस पर लगातार सुनवाई चल रही है लेकिन समाधान नहीं हुआ है। ऐसे में अगर टीएमसी  भी इन चारों विधायकों के खिलाफ आवेदन करती है और विधानसभा अध्यक्ष उस पर तत्काल कोई फैसला लेते हैं तो उनकी निष्पक्षता पर सवाल खड़े होंगे ।
इधर भाजपा सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अगर टीएमसी विधायक पद खारिज करने संबंधी आवेदन करती है और विधानसभा अध्यक्ष कुछ ऐसा फैसला लेते हैं तो आवश्यकता पड़ने पर इसके खिलाफ कानूनी कदम भी उठाया जा सकता है।

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