तृणमूल उम्मीदवार की राह नहीं है आसान झाड़ग्राम में

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कोलकाता, 23 मार्च (हि. स.)। झाड़ग्राम विधानसभा क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार अभिनेत्री बीरबाहा की विधानसभा पहुंचने की राह आसान नहीं है। हालांकि बीरबाह का नाम तृणमूल के स्टार प्रचारकों में भी शामिल है।
बीरबाहा हांसदा का जन्म झाड़ग्राम जिले के बिनपुर थाने के अंकोर गांव में हुआ था। नरेन-चुनिबाला की बेटी बीरबाहा राजनीतिक माहौल में पली बढ़ीं। इनके पिता नरेन हांसदा और माता चूनीबाला दोनों विधायक थे। झाड़ग्राम में इनका प्रभाव भी व्यापक था। उन्होंने एक अभिनेत्री के रूप में अपना करियर शुरू किया था। इस बार विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने बीरबाह ने झाड़ग्राम विधानसभा क्षेत्र चुनाव मैदान में उतारा है। बीरबाहा के पिता नरेन  झारखंड पार्टी (नरेन) के संस्थापक थे।
बीरबाह ने “हिन्दुस्थान समाचार” को बताया कि लोग माकपा से नाराज थे। राज्यभर में हिंसा फैली थी लेकिन मेरे पिता अपने दोस्तों को साथ लेकर झाड़ग्राम के लोगों के लिए कड़ी टक्कर की लड़ाई लड़ते थे। उन्हीं की वजह से यहां के लोग सुरक्षित बचे हुए हैं। नरेन की मौत के बाद चुनीबाला ने पार्टी की कमान संभाली। एक सवाल के जवाब मेंं अविवाहित अभिनेत्री बीरबाह ने कहा कि 2006 के नगर निगम चुनाव, 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनावों में झारखंड पार्टी (नरेन) के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ चुकी थीं। लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली।
इतिहास में स्नातक करने के बाद बीरबाहा ने फिल्मों की ओर रुख किया और अब तक 14 फिल्में की हैं। उन्होंने संथाली, बंगाली और हिंदी फिल्मों में भी काम किया है। 2008 में उनकी पहली फिल्म रिलीज हुई थी। उन्होंने फिल्म ‘आमगे सारी दुलारिया’ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता। फिल्मों में अभिनय के अलावा, उन्होंने कई संगीत वीडियो और एल्बम में भी काम किया है। 2008 से 2012 तक, उन्हें संथाली फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। उनके नाटक ‘फुलमोनी’ ने दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय फिल्म प्रतियोगिता, 2016 में 122वां स्थान पाया था।

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