रिटायर्ड जज जस्टिस एसपी गर्ग के नेतृत्व में होगी जांचछह महीने में जांच पूरी करने के दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देशकोर्ट ने कहा- आरोपित पुलिस कर्मियों को तुरंत सस्पेंड करेंपुलिस को घटना की तुरंत एफआईआर दर्ज करने के निर्देशदिल्ली सरकार को घायल वकीलों का उचित इलाज कराने के निर्देशघायल वकील विजय वर्मा को 50 हजार रुपये देने का आदेश अन्य घायल वकीलों को 15 हजार और 10 हजार रुपए देने का आदेश
नई दिल्ली, 03 नवम्बर (हि.स.)। दिल्ली हाईकोर्ट ने तीस हजारी कोर्ट में पुलिस और वकीलों के बीच शनिवार को हुई हिंसा के मामले में रविवार को सुनवाई करते हुए इस घटना की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। चीफ जस्टिस डीएन पटेल की अध्यक्षता वाली बेंच ने रिटायर्ड जज जस्टिस एसपी गर्ग के नेतृत्व में जांच का आदेश दिया। कोर्ट ने जांच कमेटी को छह महीने में जांच पूरी करने का निर्देश दिया है।
कोर्ट ने सीबीआई, आईबी और विजिलेंस के निदेशक को निर्देश दिया कि वे या तो खुद या उनके द्वारा नियुक्त कोई वरिष्ठ अधिकारी जस्टिस एसपी गर्ग की कमेटी को सहयोग करे। कोर्ट ने दिल्ली सरकार और दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वो जस्टिस एसपी गर्ग की कमेटी को जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे आफिस, कार, क्लर्क, स्टेनोग्राफर, चपरासी इत्यादि उपलब्ध कराएं।
कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह इस मामले के अभियुक्त पुलिस अफसरों को तुरंत सस्पेंड करें। उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई आंतरिक जांच रिपोर्ट आने के बाद की जाएगी। आंतरिक जांच रिपोर्ट 6 हफ्ते में पूरी करनी होगी। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि इस मामले में तुरंत एफआईआर दर्ज करें। कोर्ट ने एफआईआर की कॉपी कोर्ट में पेश करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने दिल्ली सरकार को निर्देश दिया कि वो घायल वकीलों के इलाज की समुचित व्यवस्था करे। कोर्ट ने घायल वकील विजय वर्मा को 50 हजार रुपये और दूसरे घायल वकीलों को 15 हजार और दस हजार रुपये देने का आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस डीएन पटेल ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि कितनी एफआईआर दर्ज हुई हैं? इस पर दिल्ली पुलिस ने कहा कि अभी तक चार एफआईआर दर्ज हुई हैं। एक एफआईआर भारतीय दंड संहिता की धारा 307 के तहत आज दर्ज की जाएगी। दिल्ली पुलिस ने कहा कि दो राउंड गोलियां चलाई गईं और तीन वकील घायल हुए हैं। जो वकील घायल हैं, उनमें विजय वर्मा, सागर शर्मा और पंकज कुमार दुबे हैं। दिल्ली पुलिस ने उन पुलिसकर्मियों के नाम बताये, जो इसमें लिप्त थे। दिल्ली पुलिस ने बताया कि इस झड़प में 14 बाइक और पुलिस की जिप्सी जलाई गई है।
दिल्ली पुलिस ने बताया कि घटनास्थल की फोरेंसिक जांच की गई है। डीसीपी के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया गया है। जांच क्राइम ब्रांच को सौंप दी गई है। जिस एएसआई पर वकील को लॉक अप रूम में ले जाने का आरोप है, उसे सस्पेंड कर दिया गया है। वकील को लॉक अप में ले जाने की वजह से ही स्थिति बिगड़ गई। डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के बार एसोसिएशन की ओर से वकील मोहित माथुर ने कहा कि ये कहना ग़लत है कि एक ही व्यक्ति ने गोली चलाई । ये किसी को बलि का बकरा बनाने की कोशिश है। ये अपनी टीम को बचाने की कोशिश है। पुलिस को कोर्ट परिसर में लोडेड हथियार ले जाने की अनुमति नहीं है। महिला वकीलों ने शिकायत की है कि उनके साथ बदतमीजी की गई। एक वकील को 14 पुलिसकर्मी लॉक अप रूम में खींचकर ले गए। इसके सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध हैं। हमें हमारे कार्यस्थल पर पीटा गया है। मोहित माथुर ने कहा कि पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर में बिना कोर्ट की अनुमति के कोई कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। वे वकीलों को विलेन के रूप में पेश कर रहे हैं।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया कि जांच एक तय समय सीमा में होनी चाहिए। घायल वकीलों को राज्य सरकार की ओर से मुआवजा मिलना चाहिए। तीस हजारी कोर्ट के बार एसोसिएशन ने कहा कि घायल वकीलों का इलाज एम्स में कराया जाना चाहिए। दिल्ली बार काउंसिल की ओर से केसी मित्तल ने कहा कि स्पेशल पुलिस कमिश्नर के नेतृत्व में आंतरिक विभागीय जांच एक छलावा है। संदिग्ध पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई हो। हम जांच का इंतजार नहीं कर सकते हैं। जिस पुलिस अधिकारी के आदेश से गोली चलाई गई, उसे तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए। हरिंदर सिंह नामक जिस पुलिसकर्मी ने गोली चलाई उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई केवल उसका तबादला किया गया।
सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने कहा कि यह घटना न्यायिक व्यवस्था पर हमला है। इस घटना की सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज के नेतृत्व में न्यायिक जांच होनी चाहिए।
दिल्ली हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने कहा कि हम कोर्ट परिसर में दिल्ली पुलिस को नहीं देखना चाहते हैं, किसी केंद्रीय या अन्य पुलिस बल (अर्ध सैन्य बलों) की तैनाती की जाए।
आज सुबह चीफ जस्टिस डीएन पटेल ने वरिष्ठ जजों और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद इस मामले पर स्वतः संज्ञान लिया । दोपहर बाद कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, दिल्ली सरकार, बार काउंसिल ऑफ इंडिया, दिल्ली बार काउंसिल और दिल्ली के सभी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के बार एसोसिएशन को नोटिस जारी कर उन्हें तीन बजे सुनवाई के लिए तलब किया।
इससे पहले चीफ जस्टिस डीएन पटेल ने दो नवम्बर की रात में वरिष्ठ जजों के साथ बैठक की थी। हाईकोर्ट के तीन जजों ने कल झड़प में घायल वकील का हालचाल जानने सेंट स्टीफेंस अस्पताल गए थे।