दिल्ली में तीन मंजिला इमारत ढही, दो घायल

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नई दिल्ली, 13 सितंबर (हि.स.)। उत्तरी दिल्ली के सब्जी मंडी इलाके में सोमवार सुबह एक तीन मंजिला इमारत के जमींदोज होने से दो मासूमों की मौत हो गई, जबकि पांच लोग जख्मी हो गये। देर शाम तक जेसीबी की मदद से मलबा हटाने का काम जारी रहा।

एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि सुबह 11.50 बजे तेज धमाके के साथ तीन मंजिला इमारत ढह गई। इससे चारो तरफ अफरा-तफरी मच गई। स्थानीय लोगों ने तत्काल मामले की सूचना पुलिस एवं दमकल विभाग को दी और खुद ही बचाव कार्य में जुट गए।

सूचना मिलने पर पुलिस के अलावा दमकल विभाग, आबदा प्रबंधन, सिविल डिफेंस, निगम का दस्ता और कैट्स एंबुलेंस मौके पर पहुंच गई।

हादसे के समय वहां से गुजर रहे दो मासूस भाइयों की मलबे की चपेट में आने से मौत हो गई, जबकि पांच अन्य लोग जख्मी हो गए। घायलों का बाड़ा हिन्दूराव अस्पताल में इलाज जारी है। पुलिस ने मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए सब्जी मंडी मोर्चरी भेज दिया है।

पुलिस के अनुसार देर शाम तक घटना स्थल पर मलबा हटाने का काम जारी रहा। स्थानीय लोगों ने मलबे में कुछ और लोगों के दबे होने की आशंका जताई है। बचाव दल मलबे में फंसे बाकी लोगों की तलाश में जुटी है। घटना की सब्जी मंडी थाना पुलिस जांच कर रही थी।

भीड़-भाड़ वाला इलाका होने के कारण हुई दिक्कत

पुलिस के मुताबिक घंटा घर इलाके में रोबिन सिनेमा के सामने एक जर्जर इमारत जमींदोज हो गई, जिसके बाद दमकल की सात गाड़ियों को मौके पर भेजा गया। भीड़-भाड़ वाला इलाका होने के कारण बचाव कार्य में खासी दिक्कतें आईं।

पुलिस ने बताया कि निगम, आबदा प्रबंधन, सिविल डिफेंस और कैट्स की गाड़ियां भी मौके पर पहुंच गईं। शुरुआत में इमारत के नीचे पान की दुकान चलाने वाले रामजी दास (72) समेत पांच लोगों को मलबे से निकालकर नजदीकी बाड़ा हिन्दूराव अस्पताल भेजा गया।

हादसे में दो सगे भाइयों की मौत

स्थानीय लोगों ने बताया कि इमारत में कुछ दिनों से मरम्मत का काम चल रहा था। अचानक इमारत के ढहने से वहां से गुजर रहे दो बच्चे मलबे में दब गये, जबकि मौके पर खड़े कई मजदूर भी उसकी चपेट में आ गये। बचाव कार्य के दौरान दोपहर करीब दो बजे बच्चों को मलबे से निकालकर नजदीकी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने दोनों मासूमों को मृत घोषित कर दिया।

उनकी पहचान प्रशांत गुप्ता (9) और सौम्य गुप्ता (12) के रूप में हुई है। दोनों सगे भाई थे। हादसे के समय उनकी मां आयुशी दोनों बच्चों को इमारत के नीचे खड़ा कर सामने की दुकान से सामान लेने गई थी।

इसे 40-40 गज के दो हिस्सों में बांटा गया मकान

शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने बताया कि करीब 80 गज के क्षेत्र में बनी यह इमारत 50 वर्ष से अधिक पुरानी थी। इसे 40-40 गज के दो हिस्सों में बांटा गया था। सड़क की ओर के अगले 40 गज के हिस्से में दो दुकानें बनी हुई थीं, जबकि पीछे वाले 40 गज के हिस्से में सत्या देवी और उनका बेटा अजय अनेजा अपने परिवार के साथ रहते हैं। इमारत ग्राउंड फ्लोर के साथ तीन फ्लोर तक बनी है। कुछ समय पूर्व अगले हिस्से के ग्राउंड फ्लोर को परिवार ने राजेंद्र अरोड़ा नामक शख्स को बेच दिया था।

राजेंद्र कुछ दिनों से इमारत में मरम्मत का काम करवा रहे थे। नीचे दुकान के फर्श को हिल्टी वायब्रेशन (कंपन मशीन) मशीन से तोड़ा जा रहा था, उसकी वजह से इमारत हिल रही थी। मरम्मत के दौरान अचानक इमारत का अगला हिस्सा गिर गया।

देर शाम तक बचाव दल के अलावा जेसीबी की सात गाड़ियां मलबा हटाने में जुटी रहीं। फिलहाल अहतियात के तौर पर आसपास की कुछ इमारतों को खाली करवा लिया गया है।


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