नई दिल्ली, 15 मई (हि.स.)। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत स्वदेशी निर्मित तीन आईआईसीजी जहाजों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को डिजिटल माध्यम से राष्ट्र को समर्पित किया। इन जहाजों को रिकॉर्ड समय में तैयार किया गया है। यह भारतीय समुद्री इतिहास में पहली बार है जब किसी जहाज को डिजिटल माध्यम से कोस्ट गार्ड में कमीशन किया गया है। रक्षा मंत्री ने इस मौके पर विश्वास जताया कि अब समुद्री आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, तस्करी और समुद्री कानून प्रवर्तन की चुनौतियों का सामना करने और संकट में फंसे समुद्री सैनिकों की खोज और उन्हें बचाने में भारतीय तट रक्षक बल की ताकत बढ़ जाएगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इंडियन कोस्ट गार्ड के गोवा में हुए इस समारोह को दिल्ली से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संबोधित भी किया। रक्षा मंत्री ने बताया कि जहाज सी-450 और सी-451 को ‘मेक इन इंडिया’ के तहत स्वदेशी रूप से डिज़ाइन किया गया है। इन जहाजों को तट रक्षक बल में शामिल करना भारत की तटीय क्षमता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। हमारे समुद्र के प्रहरी तट रक्षक बल और भारतीय जहाज निर्माण उद्योग की बढ़ती शक्ति देश के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने डिजिटल माध्यम से इस कार्यक्रम की इस पहल के लिए तट रक्षक बल और गोवा शिपयार्ड लिमिटेड की सराहना करते हुए कहा कि महासागर न केवल हमारे देश, बल्कि वैश्विक समृद्धि की लाइफलाइन हैं। सुरक्षित, संरक्षित और स्वच्छ समुद्र हमारे राष्ट्र निर्माण के लिए आर्थिक अवसर प्रदान करते हैं। भारत एक उभरती हुई समुद्री शक्ति है और हमारी समृद्धि भी समुद्र पर बहुत निर्भर है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि एक जिम्मेदार समुद्री शक्ति होने के नाते महासागर हमारी प्राथमिकता हैं। दुनिया में चौथे सबसे बड़े तटरक्षक बल के रूप में भारतीय तटरक्षक बल ने खुद को एक विश्वसनीय बल के रूप में स्थापित किया है। यह हमारे समुद्र तट और तटीय समुदाय की सुरक्षा करने के साथ ही आर्थिक गतिविधियों और समुद्री वातावरण की भी सुरक्षा करता है। एक बड़ी तटीय आबादी को जब अपने ऊपर आ रहे खतरों के बारे में पता तक नहीं चलता, तो उसके पहले ही हमारे तटरक्षक बल के बहादुर जवान उन ख़तरों से निपट लेते हैं। वयं रक्षाम: का वचन निभाते हमारे ये जवान अनेक कठिनाइयों का सामना करते हुए बड़ी मुस्तैदी से अपना कर्तव्य निभाते हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि अपनी स्थापना के समय महज सात शिप की बेड़े की ताकत से अपनी सेवा की शुरुआत करने वाले भारतीय तटरक्षक बल के पास इस समय 62 हवाई जहाज और 150 सतह पोत हैं। तटरक्षक बल ने पलक बे और मन्नार की खाड़ी जैसे संवेदनशील क्षेत्र में महिला अधिकारियों को परिचालन भूमिकाओं में तैनात करके महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम बढ़ाया है।
रक्षा मंत्री ने कहा कि वर्तमान महामारी एवं वैश्विक चुनौती के इस कठिन दौर के बावजूद भारतीय तटरक्षक बल ने दृढ़ संकल्प एवं प्रतिबद्धता के साथ हमारी समुद्री सीमाओं की हर पल रक्षा की है। समुद्र राष्ट्रविरोधी तत्वों द्वारा प्रायोजित किसी भी प्रकार की धमकी का माध्यम बन सकता है। इसलिए सभी हितधारकों के बीच सहयोगी एवं सहकारी दृष्टिकोण विकसित करना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने भरोसा जताया कि आज से शामिल किए जा रहे तटरक्षक जहाज भारतीय तटरक्षक बल की ताकत बढ़ाएंगे। साथ ही समुद्री आतंकवाद, मादक पदार्थों की तस्करी, तस्करी, समुद्री कानून प्रवर्तन और संकटग्रस्त समुद्री सैनिकों की खोज और उन्हें बचाने में भारतीय तट रक्षक बल की ताकत बढ़ जाएगी। उन्होंने गोवा शिपयार्ड और एलएंडटी शिपयार्ड, हजीरा के प्रयासों की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन्होंने वर्तमान परिस्थितियों में पोतों का निर्माण एवं उनका रखरखाव जारी रखा है। यह उनकी व्यावसायिकता को भी दर्शाता है।