कोलकाता, 12 दिसम्बर (हि.स.)। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले को लेकर केंद्र सरकार सख्त रुख अख्तियार करती नजर आ रही है। अब पश्चिम बंगाल के उन तीन आईपीएस अधिकारियों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने डेपुटेशन पर दिल्ली बुलाया है जो नड्डा के काफिले की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार थे। ये आईपीएस अधिकारी हैं राजीव मिश्रा, प्रवीण त्रिपाठी और भोला नाथ पांडेय। इन्हें दिल्ली रिपोर्ट करने को कहा गया है।हालांकि केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से तीनों के डेपुटेशन के संबंध में जो चिट्ठी आई है, उसके जवाब में राज्य सरकार ने भी एक चिट्ठी लिखी है। राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि ये तीनों अधिकारी दिल्ली डेपुटेशन पर नियुक्त नहीं होंगे। इसके लिए राज्य सरकार अपनी सहमति नहीं देगी। राज्य सरकार की ओर से जो चिट्ठी लिखी गई है उसमें कहा गया है कि राज्य की सेवा में तैनात आईपीएस अधिकारियों को केंद्र सरकार इस तरह से परेशान नहीं कर सकती है।
दरअसल, दक्षिण बंगाल के आईजी राजीव मिश्रा, प्रेसिडेंसी रेंज के डीआईजी प्रवीण त्रिपाठी और डायमंड हार्बर, जहां जेपी नड्डा के काफिले पर हमला हुआ था, वहां के एसपी भोला नाथ पांडे, इन तीनों को जेपी नड्डा के काफिले की सुरक्षा की जिम्मेवारी सौंपी गई थी। इसके पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय राज्य के मुख्य सचिव अलापन बनर्जी और पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र कुमार को 14 दिसंबर को दिल्ली तलब कर चुके हैं।
उधर राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी के सांसद कल्याण बनर्जी ने केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखकर दावा किया है कि राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को गृह मंत्रालय द्वारा बुलाया जाना गैर संवैधानिक है। कानून व्यवस्था राज्य का विषय है और केंद्र सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती।