नई दिल्ली, 04 नवम्बर (हि.स.)। फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट एविएशन से तीन और राफेल फाइटर जेट बुधवार सुबह भारत आने के लिए उड़े। इस बार तीनों विमान भारतीय वायुसेना के पायलट यूएई में स्टॉप नहीं लेंगे बल्कि सीधे 8500 किमी. की दूरी नॉनस्टॉप पूरी करके गुजरात के जामनगर एयरफोर्स स्टेशन पर उतरेंगे। रात भर यहां ठहरने के बाद गुरुवार को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन में बनाई गई गोल्डन एरोज स्क्वाड्रन में पहुंचेंगे।
राफेल का दूसरा बैच भारत लाने के लिए वायुसेना की एक टीम असिस्टेंट चीफ ऑफ एयर स्टाफ (प्रोजेक्ट्स) एयर वाइस मार्शल एन. तिवारी की अगुआई में करीब 15 दिन पहले फ्रांस भेजी गई थी। विशेषज्ञों की इस टीम में पायलटों और तकनीशियनों के अलावा सहायक कर्मचारी भी हैं। इस टीम ने इतने दिनों में वहां राफेल लड़ाकू विमानों की दूसरी खेप को भारत लाने की तैयारियों, उन पर जरूरी युद्धक साजों-सामान लगाने और चुनिंदा पायलटों की ट्रेनिंग की समीक्षा करने के साथ ही लॉजिस्टिक मुद्दों की देखरेख की।
इस टीम ने फ्रांस के अधिकारियों के साथ वहां के सेंट-डिजायर एयरबेस में चल रहे भारतीय पायलटों के प्रशिक्षण की समीक्षा की है। भारत को पहले जत्थे में मिले पांच विमान 29 जुलाई को भारत आ चुके हैं। इन्हें ऑपरेशनल करके पूर्वी लद्दाख की सीमा पर तैनात किया गया है, जो इन दिनों उड़ान भरकर एलएसी की निगरानी कर रहे हैं। अब भारत आ रहे इन तीन राफेल जेट को भी जल्द से जल्द ऑपरेशनल करके अग्रिम मोर्चों पर तैनात किए जाने की योजना है। अंबाला एयरबेस भी तीनों राफेल फाइटर जेट के स्वागत के लिए पूरी तरह तैयार है। सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर लिए गए हैं।
वायुसेना के 12 पायलटों का एक समूह वर्तमान में पूर्वी फ्रांस के सेंट-डिजायर एयरबेस में राफेल जेट उड़ाने का प्रशिक्षण ले रहा है। मार्च 2021 तक भारतीय पायलटों की चरणबद्ध तरीके से राफेल उड़ाने की ट्रेनिंग पूरी होगी। भारतीय वायुसेना की कई टीमों ने जनवरी से अब तक भारतीय विशिष्ट संवर्द्धन और हथियार प्रणालियों के एकीकरण सहित राफेल परियोजना की प्रगति की देखरेख के लिए फ्रांस के कई दौरे किेए हैं।
पहले बैच में आए 29 जुलाई को भारत आए पांच राफेल जेट फ्रांस से 7000 हजार किमी. की दूरी तय करने के बाद एक रात के लिए संयुक्त अरब अमीरात में अबू धाबी के पास अलधफरा में फ्रांसीसी एयरबेस पर रुके थे। फिर दूसरे दिन 1500 किमी. की दूरी तय करके भारत पहुंचे थे। इस बार फ्रांस से 8500 किमी. की दूरी नॉनस्टॉप तय करके सीधे जामनगर (गुजरात) पहुंचेंगे। यात्रा के दौरान उन्हें फ्रांसीसी और भारतीय टैंकरों द्वारा ईंधन दिया जाएगा। अधिकारियों ने कहा कि तीनों विमान जामनगर में आज की रात रुकने के बाद गुरुवार को अंबाला एयरफोर्स स्टेशन पहुंचेंगे।