नई दिल्ली, 29 मई (हि.स.)। सेना के कमांडरों का तीन दिवसीय सम्मेलन शुक्रवार को ख़त्म हो गया। अब इसका दूसरा चरण 24 से 27 जून, 2020 तक राष्ट्रीय राजधानी में ही होगा। पहले चरण के सम्मेलन में भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व ने मौजूदा और आने वाले समय की सुरक्षा चुनौतियों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर गहन मंथन किया।
सेना के प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने बताया कि वर्ष में दो बार होने वाले सेना के कमांडरों के इस शीर्ष स्तरीय सम्मेलन में वैचारिक स्तर पर विचार-विमर्श के बाद महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले किए जाते हैं। दो चरणों में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन का पहला चरण साउथ ब्लॉक, नई दिल्ली में 27 मई से आयोजित किया गया। पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार यह सम्मेलन अप्रैल 2020 में आयोजित किया जाना था लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे स्थगित करना पड़ा था।
तीन दिन के सम्मेलन में भारतीय सेना के शीर्ष नेतृत्व ने मौजूदा और आने वाले समय की सुरक्षा चुनौतियों से संबंधित विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। इसके अलावा, मानव संसाधन प्रबंधन के मुद्दों, गोला-बारूद प्रबंधन से संबंधित अध्ययन, एक जगह पर स्थित प्रशिक्षण प्रतिष्ठानों के विलय और मुख्यालय सेना प्रशिक्षण कमान के साथ सैन्य प्रशिक्षण निदेशालय के विलय पर भी चर्चा की गई। इस दौरान आर्मी वेलफेयर हाउसिंग ओरिजिनेशन (एडब्ल्यूएचओ) और आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी (एडब्ल्यूईएस) के बोर्ड ऑफ गवर्नर की बैठकें भी हुईं।
सम्मेलन के दूसरे चरण में 24 से 27 जून, 2020 तक डीएमए और डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस (डीओडी) के साथ संवादमूलक सत्र शामिल होंगे। कमान मुख्यालय द्वारा प्रायोजित एजेंडे पर चर्चा और लॉजिस्टिक्स और प्रशासनिक मुद्दों पर चल रहे अध्ययनों पर विचार-विमर्श होगा। इसमें रक्षा मंत्री और चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (सीडीएस) के भी शामिल होने की संभावना है।