सावन का तीसरा सोमवार: अश्लेषा नक्षत्र में काशीपुराधिपति के दरबार में अखंड जलधार

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वाराणसी, 09 अगस्त (हि.स.)। सावन के तीसरे सोमवार पर अश्लेषा नक्षत्र के शुभ संयोग में भारी बारिश और बाढ़ के बावजूद शिवभक्तों ने काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ के दरबार में पूरे श्रद्धाभाव से हाजिरी लगाई। दरबार में बाबा का झांकी दर्शन कर श्रद्धालुओं ने घर परिवार में सुख शान्ति के साथ कोरोना संकट से मुक्ति देने की कातर गुहार भी लगाई।

इस दौरान पूरा मंदिर परिसर हर-हर महादेव के गगनभेदी नारों से गुंजायमान रहा। सावन के तीसरे सोमवार पर शाम को बाबा का अर्धनारीश्वर रूप की झांकी सजेगी। इसके लिए पूरे दरबार का श्रृंगार सुगंधित फूलों से किया गया है। अर्ध नारीश्वर रूप का श्रृंगार शाम के समय भोग आरती से पूर्व होगा।

इसके पहले दरबार में दर्शन पूजन के लिए शिवभक्त रविवार शाम से ही बैरिकेडिंग में कतारबद्ध होने लगे। देर शाम से पुरी रात हुई बारिश के बावजूद शिवभक्त भींगते हुए बैरिकेडिंग में डटे रहे। विपरित मौसम पर हर-हर महादेव का गगनभेदी उद्घोष बाबा के प्रति अनुराग आस्था भारी पड़ रही थी। भोर में मंगला आरती के बाद मंदिर का पट खुला तो श्रद्धालु कोविड प्रोटोकाल का पालन कर रेडकार्पेट पर चलकर दरबार में दर्शन पूजन के लिए पहुंचते रहे।

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील वर्मा के अनुसार सावन के तीसरे सोमवार पर मंगला आरती के पश्चात श्रद्धालु सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बाबा का दर्शन और जलाभिषेक कर रहे है। मंदिर परिसर को हर छह घंटे पर सेनेटाइज किया जा रहा है। आपात स्थिति के लिए चिकित्सक, एम्बुलेंस और एनडीआरएफ टीम को भी तैनात किया गया है। पेयजल से लेकर खोया पाया केंद्र, पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी लगाया गया है।

उन्होंने बताया कि मंदिर में गर्भगृह के पहले ही बाबा काशी विश्वनाथ का दर्शन एलईडी स्क्रीन पर श्रद्धालु कर कर रहे है। सभी रास्तों पर पेयजल की व्यवस्था भी होगी। स्टील की रेलिंग के बीच बिछे कारपेट से श्रद्धालु मंदिर में प्रवेश कर रहे है। मंदिर में प्रवेश के लिए ए, बी, सी, डी नाम से चार गेट बनाए गए हैं। श्रद्धालुओं को गेट नंबर चार छत्ताद्वार होते हुए मंदिर चौक भेजा जा रहा है। श्रद्धालुओं को गेट-ए से प्रवेश करने के बाद गर्भगृह के पूर्वी प्रवेश द्वार पर जल चढ़ाने की व्यवस्था दी गई है। बांसफाटक से ढुंढिराज गली होकर आने वाले श्रद्धालु मंदिर परिसर के गेट-डी से प्रवेश कर रहे है। मंदिर के गर्भगृह के पश्चिमी द्वार से दर्शन व जलाभिषेक श्रद्धालु कर रहे है। सरस्वती फाटक की ओर से आने वाले श्रद्धालु गर्भगृह के दक्षिणी द्वार और वीआईपी, वीवीआईपी व सुगम दर्शन के टिकटधारी गेट-सी से प्रवेश कर गर्भगृह के उत्तरी द्वार से दर्शन पूजन कर रहे है। सावन के तीसरे सोमवार पर पुलिस अफसर मंदिर परिक्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को चाक चौबंद बनाने के लिए लगातार चक्रमण कर रहे है।

गंगा पर विशेष सर्तकता

गंगा में बाढ़ को देखते हुए दशाश्वमेधघाट पर अतिरिक्त सतर्कता बरती जा रही है। दशाश्वमेध घाट सहित सभी प्रमुख गंगा घाटों की ओर जाने वाले मार्गों पर पुलिस मुस्तैद है। सावन के तीसरे सोमवार पर श्रद्धालुओं को लाउड हेलर से आगाह किया जा रहा है कि वह गंगा में स्नान के दौरान सजग रहें। नौकायन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है। गंगा में जल पुलिस और एनडीआरएफ की 11वीं वाहिनी के जवान गश्त कर रहे है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए दशाश्वमेध से गोदौलिया, बांसफाटक, चौक होते हुए मैदागिन तक का क्षेत्र 3 जोन और 8 सेक्टर में बांटा गया है। सुरक्षा व्यवस्था में पुलिस, ट्रैफिक पुलिस और पीएसी के अलावा सेंट्रल पैरामिलिट्री फोर्स के जवान डटे हुए है।


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