राजकोट/अहमदाबाद, 24 जुलाई (हि.स.)। कर्नाटक के राज्यपाल के रूप में अपना कार्यकाल पूरा कर चुके वजुभाई वाला अब फिर सक्रिय हो गए हैं। वजुभाई की राजनीति में सक्रियता से राजनीतिक गलियारों में सवाल उठने भी शुरू हो गए हैं। उन्होंने साफ कर दिया कि राजनीति से संन्यास लेने का सवाल नहीं उठता।
दरअसल, राष्ट्रीय स्वयंसेवक से राजनीति में आए वजुभाई वाला कर्नाटक के राज्यपाल का अपना कार्यकाल पूरा कर अब राजकोट आ गए हैं और राजनीति में फिर सक्रिय हो गए हैं। शनिवार को वजुभाई ने पत्रकारों को बताया कि वह वर्ष 2022 के चुनाव में पार्टी के कार्यकर्ता के तौर पर काम करूंगा और राज्य में दो तिहाई बहुमत से फिर भाजपा की सरकार बनाने के लिए काम करूंगा। उन्होंने कहा कि वह संगठन में काम करेंगे लेकिन सत्ता में नहीं रहेंगे। वजुभाई वाला ने कहा कि मैं हमेशा राजनीति में सक्रिय रहूंगा। राजनीति से संन्यास लेने का सवाल ही नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में विजय रूपाणी सही काम कर रहे हैं। वे हर समाज को साथ लेकर चलते हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि कारडिया राजपूत या किसी अन्य समाज को इससे नुकसान हुआ है। उन्होंने यह भी दावा किया कि 2022 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत निश्चित है।
उल्लेखनीय है कि गुजरात में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव होना है। ऐसे में जातीय आधार पर समीकरण बैठान की तैयारी चल रही है। खोडलधाम संगठन बनाकर नरेश पटेल ने पाटीदारों को एकजुट करने की पहल की है। अब कारडिया राजपूत समुदाय की एकता दिखाने के लिए वजूभाई को आगे लाने की बात हो रही है। इस संबंध में वजुभाई ने कहा कि सुरेंद्रनगर के पास खोदलधाम की तरह 35 एकड़ में कारडिया राजपूत की कुलदेवी भवानी माताजी का मंदिर बनेगा। पाटीदार और कोली समुदाय की तरह कारडिया राजपूत समुदाय का भी एक बड़ा वोट बैंक है और सौराष्ट्र में जाति आधारित गणित को मजबूत माना जाता है। ऐसे में वजुभाई की गुजरात की राजनीति में भूमिका अहम साबित हो सकती है।
नाडोदा राजपूत समाज के अध्यक्ष मावजीभाई डोडिया ने भवानी माताजी के मंदिर निर्माण के बारे में पत्रकारों को बताया कि राजकोट-अहमदाबाद हाईवे पर दर्शन होटल के पास भवानी माताजी का मंदिर बनेगा। इसके लिए हमारे समाज के नेताओं ने वजुभाई वाला के साथ बैठक की है। समाज का यह मंदिर 40 बीघा जमीन पर बनाया जायेगा। यह मंदिर सोमनाथ के समान होगा, जिस पर अनुमानित एक सौ करोड़ रुपये खर्च होंगे।