रेल हादसा टालने वाले ग्रामीण अब बटोर रहे प्रशंसा

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आरा, 25 जुलाई (हि.स)। पंडित दीन दयाल उपाध्याय-गया रेलखंड पर स्थित पुसौली व मुठानी स्टेशन के बीच शनिवार को टूटी हुई रेल पटरी को देख घटांव गांव के दो ग्रामीणों द्वारा रेलवे ट्रैक पर लकड़ी में लाल गमछा टांग कर गाड़ देने और ट्रेन को रोक देने की चर्चा सुर्खियों में है।

टूटी हुई रेल की पटरी को देखने और थोड़ी ही देर में इस ट्रैक पर ट्रेन आने की संभावित जानकारी के बाद दोनों ग्रामीणों की रेल पटरी पर भागमभाग और करीब एक किलोमीटर की दूरी तय कर टूटी हुई पटरियों से पहले लाल गमछा को लकड़ी में टांग कर गाड़ दिए जाने और फिर इस ट्रैक पर आ रही ट्रेन हावड़ा बीकानेर एक्सप्रेस को रोक दिए जाने से एक बड़ा ट्रेन हादसा टल गया।दोनों ग्रामीणों के इस साहसिक फैसले की न सिर्फ इलाके में चर्चा हो रही है बल्कि सोशल मीडिया पर भी दोनों ग्रामीणों के इस कार्य की खूब प्रशंसा हो रही है।

दोनों ग्रामीणों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए कई लोगों की जान बचा ली। बताया जाता है कि शनिवार को पुसौली स्टेशन से एक किमी दूर रेलवे लाइन के किनारे अपने खेत में काम कर रहे कैमूर जिला के मोहनियां थाना अंतर्गत घटाव गांव के प्रेमचंद राम और रामप्रवेश राम की नजर अप लाइन में एक मालगाड़ी के गुजरने के बाद रेलवे ट्रैक के टूटी पटरी पर गई।टूटी पटरी पर नजर जाते ही उन दोनों ने पोल संख्या 608/25 ए के पास टूटे रेल ट्रैक को देखकर अपना लाल रंग का गमछा लेकर उस जगह से एक किलोमीटर पहले जाकर रेलवे ट्रैक पर लाल गमछा को लकड़ी में लगाकर ट्रैक पर गाड़ दिया।

इस बीच हावड़ा बीकानेर ट्रेन आंधी की तरह पटरी पर दौड़ती हुई आगे आने लगी।चालक ने रेलवे ट्रैक पर लाल गमछा देख आपातकालीन ब्रेक लगा दिया और ट्रेन रेलवे ट्रैक पर एकाएक खड़ी हो गई।

दोनों ग्रामीणों द्वारा रेल पटरी का वेल्डिंग टूटने की सूचना पर तत्काल रेल प्रशासन हरकत में आया और टूटी पटरी की मरम्मत कराई गई।

इस दौरान लगभग 45 मिनट तक हावड़ा बीकानेर ट्रेन ट्रैक पर खड़ी रही।

बाद में इस ट्रेन को दूसरे ट्रैक से आगे बढ़ाया गया।

कैमूर के दोनों ग्रामीण प्रेमचंद राम और राम प्रवेश की इस सूझबूझ और ऑन द स्पॉट लिए गए फैसले के लिए स्टेशन मास्टर ने उन्हें माला पहनाई और मिठाई खिलाकर सम्मानित किया।

पुसौली रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर ने रविवार को बताया कि हावड़ा-बीकानेर ट्रेन अप लाइन से गुजर रही थी कि तभी दोनों ग्रामीणों ने रेलवे की पटरी टूटी देख रेलवे ट्रैक पर अपना लाल गमछा दिखाकर ट्रेन को रुकवा दी।

दोनों ग्रामीणों की सूझ बूझ से एक बड़ा ट्रेन हादसा टल गया।

अब इन दोनों ग्रामीणों की खूब चर्चा हो रही है।


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