कैसे तय हुआ तूफान का नाम ‘वायु’, अब इसके बाद आने वाले का नाम होगा ‘हिक्का’

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अब से पहले बंगाल की खाड़ी में 2014 में आये तूफान “हुदहुद”, 2017 में आये तूफान “ओखी”, उसके बाद  “तितली”, और 2018 में “गाजा” तूफान से बहुत नुकसान हुआ था | आमतौर पर लोगों को यह जानने की उत्सुकता रहती है कि इस तरह के तूफानो के नाम कैसे दिये जाते हैं | 



अहमदाबाद, 13 जून (हि.स.)। गुजरात में आने वाले तूफान “वायु” का नाम पिछले महीने ओडिशा में “फानी” तूफान के समय पर ही तय कर लिया गया था | इसका “वायु” नाम भारत ने तय किया था जबकि “फानी”  तूफान का नाम बांग्लादेश ने तय किया था | इसके बाद भविष्य में आने वाले अगले तूफान का नाम “हिक्का” रहेगा, जिसको मालदीव  द्वारा नामित किया गया है |
अब से पहले बंगाल की खाड़ी में 2014 में आये तूफान “हुदहुद”, 2017 में आये तूफान “ओखी”, उसके बाद  “तितली”, और 2018 में “गाजा” तूफान से बहुत नुकसान हुआ था | आमतौर पर लोगों को यह जानने की उत्सुकता रहती है कि इस तरह के तूफानो के नाम कैसे दिये जाते हैं |
दरअसल, इस तरह के तूफानों के नाम रखने के पीछे भी एक अद्भुत इतिहास है | अरब सागर और पश्चिम बंगाल में समुद्री ज्वार का नाम रखने की प्रथा 15 साल पहले यानी 2004 से शुरू हुई थी | कहा जाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह प्रथा शुरू हुई होगी, ऐसा माना जा रहा है | इसके लिए एक सूची बनाई गई है | सूची में आठ देश शामिल हैं | आठ  देशों के आदेश से  आठ  नाम दिए जाते हैं | जब जिस देश का नंबर आता है तब उस  देश द्वारा दिए गए  नाम पर तूफान का नाम दिया जाता है | |
अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में उठने वाले चक्रवातीय तूफानों के नाम भारत, बांग्लादेश, म्यांमार, मालदीव, ओमान, पाकिस्तान, श्रीलंका और थाईलैंड बारी-बारी रखते हैं |

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