प्रयागराज/लखनऊ, 21 सितम्बर (हि. स.)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि से जुड़ी दुखद घटना से जुड़ा कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा। मंगलवार की सुबह प्रयागराज पहुंचे मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि यहां की घटना को लेकर बहुत सारे साक्ष्य एकत्रित किए गए हैं। जुटाए गए हैं। यह एक वरिष्ठ धर्माचार्य एवं अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष से जुड़ा हुआ मामला है। इस पूरे केस की प्रॉपर्टी को हिस्सा मानते हुए पुलिस की एक टीम काम कर रही है। इसमें एडीजी जोन, आईजी रेंज, डीआईजी प्रयागराज और मंडल आयुक्त प्रयागराज शामिल हैं। टीम के सभी अधिकारी एक साथ मिलकर इस पर काम कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक-एक घटना का पर्दाफाश होगा। दोषी अवश्य सजा पाएगा। मेरी सभी लोगों से विनम्र अपील होगी कि संवेदनशील प्रकरण में अनावश्यक बयानबाजी से बचें। जांच एजेंसियों को निष्पक्ष ढंग से कार्य करने दें। जो भी इसके लिए जिम्मेदार होगा, उसको कानून के दायरे में लाकर कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि धार्मिक परंपरा के अनुसार पंचक होने के कारण और अनुयायियों, अखाड़ा से जुड़े हुए पदाधिकारियों की राय है कि कल आम जनता के दर्शन के लिए उनका पार्थिव शरीर यहां पर बाघम्बरी पीठ पर ही रहेगा। पांच सदस्यीय टीम उनके पार्थिव शरीर का पोस्टमार्टम करेगी। उसके उपरांत धार्मिक रीति शास्त्रोक्त पद्धति से समाधि का कार्यक्रम यहां पर संपन्न होगा। सभी एजेंसियां सक्रिय हैं। इस पूरे मामले में हर व्यक्ति आहत है। व्यथित है।
मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि जी महाराज की दुखद घटना से हम सब व्यथित हैं। यह एक दुखद घटना है। इसीलिए अपने संत समाज की ओर से और प्रदेश सरकार की ओर से उनके प्रति विनम्र श्रद्धांजलि व्यक्त करने के लिए मैं स्वयं यहां पहुंचा हूं। यह धार्मिक और आध्यात्मिक समाज की एक अपूरणीय क्षति है।
कहा कि अखाड़ा परिषद और संत समाज की उन्होंने जो सेवा की है, वह अविस्मरणीय है। मुझे याद है प्रयागराज कुंभ 2019 में उन्होंने पूरा सहयोग किया था। कुम्भ को वैश्विक मंच पर मान्यता मिली। इस कुंभ से जुड़ी हुई एक एक घटना को आम जनमानस और श्रद्धालुओं के अनुरूप कैसे हम वैश्विक स्तर पर पहुंचाने के लिए प्रयास करें, इसके लिए उनका हर प्रकार का सहयोग मुझे प्राप्त हुआ था। मैं उस समय देखता था कि अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष होने के बावजूद मान अपमान की चिंता किए बगैर प्रयागराज कुंभ को पूरी भव्यता के साथ आयोजित करने के लिए उन्होंने अपना पूरा योगदान दिया था।
कहा कि प्रयागराज कुंभ के पूर्व संगम, मा गंगा की पूजन कार्यक्रम को यहां पर आयोजित हो। उनकी इच्छा थी कि इस आयोजन में प्रधानमंत्री मोदी को लेकर प्रयागराज पधारें। इससे काफी चीजें होंगी। हमारे लिए और अच्छे ढंग से प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त होगा। प्रयागराज कुंभ से पूर्व यहां के जुड़े हुए विकास कार्यक्रमों का लोकार्पण के लिए प्रधानमंत्री मोदी का आगमन हुआ था। तब उन्होंने उस मुहूर्त को उसी के साथ जोड़ा था। अनुशासन, पूरी पवित्रता, पूरी मर्यादा को बनाए रखते हुए उन्होंने प्रयागराज कुंभ की भव्यता को प्रदान करने में सहयोग दिया। 13 अखाड़ों के बीच परस्पर समन्वय और संवाद की बात हो, हर एक संप्रदाय से जुड़े हुए आचार्य धर्म आचार्यों और उनके बीच में समन्वय करने का काम हो, सब बहुत अच्छे ढंग से किया। बहुत ही सुंदर प्रयास उन्होंने किया था। उसका परिणाम यह था कि प्रयागराज कुंभ पहली बार वैश्विक मंच पर एक अद्भुत घटना के रूप में जाना जाता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नरेंद्र गिरी साधु समाज की समस्याओं को लेकर, धर्म आचार्यों की समस्याओं को लेकर, अखाड़ा के अंदर का हो, अखाड़ा परिषद के अंदर का हो, किसी मठ मंदिर की समस्या हो या फिर अखिल भारतीय स्तर पर समाज और देश के हित में किए जाने वाले निर्णय में उनका सानिध्य और सहयोग प्राप्त होता था। आज वह हमारे बीच में नहीं हैं। उनका दुखद अवसान हम सबके लिए, खासकर धार्मिक जगत के लिए, आध्यात्मिक जगत के लिए अपूरणीय क्षति है। मैं दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रभु श्रीराम से, तीर्थराज प्रयाग से, साधु समाज से प्रार्थना करूंगा कि वह जिन कार्यक्रमों को लेकर चले थे इसे आगे बढ़ाने का कार्य होता रहे। इन सब की पूर्ति होने में सकुशल आगे बढ़ाने में उनके सभी सहयोगियों अनुयायियों को प्राप्त हो। इस मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, सांसद रीता बहुगुणा जोशी समेत अन्य संत समाज मौजूद था।