पटना, 25 अक्टूबर (हि.स.)। पटना सिविल कोर्ट से जुड़े रिश्वतखोरी के एक मामले में पटना हाईकोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया। जस्टिस शिवाजी पाण्डेय और जस्टिस पार्थ सार्थी की खंडपीठ ने अधिवक्ता दिनेश कुमार की ओर से इस मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने के लिये दायर जनहित याचिका पर सुनवाई पूरी कर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया। रिश्वतखोरी के इस मामले को “कैश फॉर जस्टिस” के नाम से भी जाना जाता है। इस मामले को एक निजी चैनल ने दिखाया था। चैनल ने पटना सिविल कोर्ट के कर्मियों द्वारा खुलेआम रुपये के लेन-देन को अपने कैमरे में कैद किया था। निचली अदालतों में बढ़ते रिश्वतखोरी को उजागर करने के बाद यह मामला चर्चित हुआ। अधिवक्ता दिनेश कुमार ने जनहित याचिका दायर कर अदालत के कर्मचारियों को अनधिकृत रूप से मिल रहे संरक्षण का मुद्दा भी उठाया था। उन्होंने अपनी याचिका में कहा है कि नवम्बर 2017 में स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से सिविल कोर्ट के कई कर्मचारियों को रिश्वत लेते दिखाया गया था। इसके बाद भी दोषी कर्मियों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पायी है। उन्होंने दोषी कर्मियों पर दंडात्मक कार्रवाई करने के साथ ही विभागीय कार्रवाई करने की मांग अपनी याचिका में की है। इस याचिका पर फैसला छठ की छुट्टी के बाद आयेगा।