भोपाल, 03 अप्रैल (हि.स.)। देश का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश में कोविड-19 के अब तक 120 संक्रमित मिल चुके हैं। इस बीच दिल्ली के निज़ामुद्दीन के मरकज़ से निकला ‘कोरोना’ हर रोज प्रदेश में कहीं न कहीं सितम ढहा रहा है। राज्य के हर जिले से किसी न किसी संक्रमित का कनेक्शन इस मरकज से निकल रहा है। राजधानी भोपाल में शुक्रवार को आई रिपोर्ट में चार ‘मरकज जमातियों’ की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है, जिनमें से 03 जमाती म्यांमार और 01 ओडिशा के भुवनेश्वर का निकला है।
तीन दिन पहले ऐशबाग इलाके की जिस मस्जिद से 11 जमातियों को रेस्क्यू किया गया था, वो म्यांमार से दिल्ली के निजामुद्दीन के मरकज़ में होते हुए 8 मार्च को भोपाल आकर यहां मस्जिद में ठहर गए थे। जब इन विदेशी जमातियों की जांच की गयी तो इनमें से अब तक 4 में कोरोना संक्रमण मिला। अब इनके संपर्क में आनेवाले लगभग 200 लोग ऐसे हैं, जिनमें कोरोना के संक्रमण का खतरा बना हुआ है। ऐसे में उनकी और उनके जरिए औरों को भी बचाने की जुगत में प्रशासन लगा है।
अकेले भोपाल में मौजूद हैं 150 से ज्यादा विदेशी
राज्य का प्रशासन लगातार इन लोगों को खोजकर क्वारेंटाइन किया जा रहा है। इस वक्त इन विदेशी जमातियों सहित कुल 150 से ज्यादा विदेशी भोपाल में मौजूद हैं। इनमें से गुरुवार देर रात 67 कोरोना टेस्ट सैम्पल की जांच रिपोर्ट आई है और आज रात तक 57 सैम्पल की रिपोर्ट आने की उम्मीद है। फिलहाल एहतिहातन प्रशासन ने इन 4 जमातियों के संक्रमित होने के कारण मस्जिद ऐशबाग और अहाता रुस्तम खां क्षेत्र को कैंटोनमेंट क्षेत्र घोषित कर दिया है। इन्हीं मस्जिदों में ये संक्रमित जमाती ठहरे थे।
उल्लेखनीय है कि हाल ही में सीएम शिवराज सिंह चौहान के साथ हुई अधिकारियों की बैठक में बताया गया था कि निज़ामुद्दीन के मरकज़ की तब्लीगी जमात में शामिल होने के लिए प्रदेश के 107 नागरिक गए थे, इसमें से 67 नागरिकों को ढूंढकर क्वॉरेंटाइन किया जा चुका है। शेष 40 जमातियों के नाम और पते मालूम नहीं होने से अन्य जिलों में उनके बारे में पता लगाया जा रहा है। इसके साथ ही भोपाल और प्रदेश के अन्य जिलों में विदेशों से आए करीब 50 नागरिक भी क्वॉरेंटाइन के लिए भेजे जा रहे हैं लेकिन इस समीक्षा बैठक के दो दिन गुजर जाने के बाद भी मरकज से निकला कोरोना प्रदेश में खुला घूम रहा है। आगे जो इससे जुड़े लोग पकड़े भी गए हैं तो उनकी संख्या 82 तक पहुंची है, ऐसे में पता नहीं यह मरकज का कोरोना अब तक कहां-कहां किसको अपना संक्रमण दे चुका होगा।
जिला इंदौर में बताए पते पर नहीं मिले मरकज के जमाती
इस संबंध में तब्लीगी मरकज में इंदौर शहर के 2 लोगों के शामिल होने की सूचना मिलने के बाद इनकी तलाश लगातार की जा रही है। दिल्ली से इनके नाम, पते प्रशासन को भेजे गए थे। जब इन पतों पर टीम पहुंची तो इनमें से कोई नहीं मिला। बुरहानपुर के 5 लोग भी थे, जिनमें से 4 मिल गए, लेकिन एक का अब तक कोई अता-पता नहीं है। अभी इन सहित तब्लीगी मरकज के 25 जमातियों को इंदौर जिलेभर में खोजा गया है। ग्रीन पार्क और रानी पैलेस में मिले इन जमातियों में 5 दंपती असम के और 15 व्यक्ति दिल्ली और अन्य स्थानों के हैं। इन्हें 15 दिन के लिए क्वारैंटाइन किया गया है। रायसेन के हकीम खेड़ी से भी एक व्यक्ति मरकज में शामिल हुआ था। यह व्यक्ति रायसेन भी लौटा, जिसे स्वास्थ्य परीक्षण कर क्वारैंटाइन सेंटर में रखा गया है। आगर मालवा जिले के नलखेड़ा में पिछले 20 दिनों से एक मस्जिद में दिल्ली से आए 12 लोगों के छुपे होने का पता लगते ही पुलिस ने छापेमारी की और इन सभी लोगों को मेडिकल जांच के बाद छात्रावास में बनाए अस्थाई कैंप में क्वारंटाइन किया, साथ ही इनके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई।
दतिया-नीमच, अशोकनगर, ग्वालियर का कनेक्शन भी निजामुद्दीन मरकज से जुड़ा
दिल्ली के निजामुद्दीन में मरकज से दतिया जिले के 14 लोगों का कनेक्शन निकला है। पुलिस की खुफिया एजेंसी ने इसकी जानकारी जब प्रशासन को दी तो यहां हड़कंप मच गया। आनन फानन में पुलिस, राजस्व और स्वास्थ्य विभाग के अफसर सायनी मोहल्ले में जाकर छोटी मस्जिद से 13 लोगों को निकाला। ये सभी 18 मार्च को निजामुद्दीन से वापस ट्रेन से दतिया लौटे थे। यहां पहले सायनी मोहल्ला की छोटी मस्जिद में रुके फिर पास में ही मौजूद धार्मिक स्थल में रुक गए थे।
दतिया की तरह ही नीमच के 10 लोगों का निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने का पता चलते ही इन्हें सेल्फ आईसोलेशन में रखा गया। ये सभी 13 से 17 मार्च तक मरकज मस्जिद में रहे थे और वहां से 18 मार्च को नीमच आए थे। फिलहाल तो इनमें से किसी में भी संक्रमण नहीं मिला है। दिल्ली से ग्वालियर आए तब्लीगी जमात वाले फरीदाबाद के 11 लोग शहर में 80 लोगों से लगातार संपर्क में रहे। अवाडपुरा की आयशा मस्जिद में ठहरने के दौरान इनका कई लोगों के घर में रुकने से लेकर खाना-पीना तक हुआ। पुलिस ने इनकी पूरी चेन तलाश कर ऐसे 80 लोगों की सूची गुरुवार को तैयार कर 43 लोगों को क्वारैंटाइन किया गया, जबकि चार लोग घर से गायब हो गए। निजामुद्दीन मरकज की जमात में शामिल होकर आया एक जमाती अशोक नगर के चंदेरी का निवासी है, गुरुवार जानकारी लगते ही प्रशासन और पुलिस ने उसे जिला अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कराया है। इस बीच जमाती के संपर्क में रहे 11 अन्य लोगों के आने का पता चला, उन्हें शुक्रवार क्वारैंटाइन कर जिला अस्पताल के नर्सिंग हॉस्टल में रखने की प्रक्रिया चल रही है। यह चंदेरी निवासी अब्दुल हाफिज 18 मार्च को ही निजामुद्दीन से लौटकर घर में रह रहा था।
किसी को घबराने की जरूरत नहीं : सीएम शिवराज
उधर, इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसी को घबराने की आवश्यकता नहीं है। प्रशासन का इस ओर पूरा ध्यान है। उन्होंने मंत्रालय में एक उच्च-स्तरीय बैठक में तबलीगी जमात में शामिल लोगों को सभी के हित में क्वारेंटाइन में रखे जाने के संबंध में निर्देश दिये हैं, साथ में कहा है कि भोपाल के अलावा अन्य जिलों से भी जमात में शामिल हुए लोगों की ट्रैवल हिस्ट्री प्राप्त की जाए और एहतियाती कदम उठाए जाएं। निजामुद्दीन मरकज से जुड़े वर्तमान आंकड़े बता रहे हैं कि ये मरकज भारत के विभिन्न भागों में कोरोना वायरस फैलने का एक केंद्र बन गया है। अभी तक तबलीगी जमात से जुड़े लगभग 9000 लोगों की पहचान कर क्वारंटाइन किया जा चुका है। इनमें से 400 से अधिक लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। निजामुद्दीन पश्चिम में तबलीगी जमात में हिस्सा लेने वाले छह लोगों की तेलंगाना में, एक की गुजरात में और जम्मू कश्मीर में एक व्यक्ति की मौत भी हो गई है।