अफगान संकट ने बीकानेर की जगविख्यात मिठाई, नमकीन कारोबार का जायका बिगाड़ा
बीकानेर, 9 सितंबर (हि.स.)। अफगानिस्तान पर तालिबान का शासन होने के बाद से भारत से कारोबारी रास्ते बंद हो गए हैं। इसके चलते भारत में अधिकांश खाद्य सामग्री के भाव बहुत ज्यादा बढ़ गए हैं। खासकर ड्राई फ्रूट्स के भाव आसमान छू रहे हैं और इन पर आधारित मिठाईयों के भाव भी 25 फीसदी बढ़ गए हैं। हालात यह है कि 600 रुपये प्रति किलो बिकने वाला काजू 800 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। ऐसे ही अखरोट, किशमिश, मुनक्का, अंजीर, पिस्ता सहित सभी ड्राई फ्रूट्स के दाम 200 से 300 रुपये की बढ़ोतरी हुई है। इससे बादाम, अंजीर की कतली के भावों ने तो उपभोक्ताओं का जायका ही बिगाड़ दिया है। कारोबारियों का कहना है कि अंजीर कतली के भावों का अभी नहीं सर्दी में पता चलेगा, लेकिन बादाम कतली अभी से रूला रही है। अफगानिस्तान संकट व कैलीफोर्निया में आग के चलते बादाम महंगे हो रहे हैं।
कारोबारियों ने बताया कि अफगान संकट का जल्द ही कोई हल नहीं निकला तो बीकानेर में मिठाईयों के भाव और भी ज्यादा बढ़ जाएंगे। इतना ही नहीं अफगानिस्तान से आने वाली हींग भी बहुत महंगी हो गई है। इससे नमकीन का जायका भी बिगड़ जाएगा क्योंकि कारोबारी नमकीन में डाली जाने वाली हींग की मात्रा को कम करने की बात कर रहे हैं। बीकानेर के कारोबारियों ने बताया कि अफगान संकट का कारोबार पर यह शुरूआती असर है आगे दुनिया के प्रति तालिबान के नजरिए पर निर्भर रहेगा। विश्व बिरादरी कैसे मान्यता देगी इसके बाद ही इम्प्रुवमेंट आएगा। ऐसे काफी आइटम है जिनकी इंडिया से पूर्ति नहीं होती, पूर्ति अफगानिस्तान से ही होती है और इंडिया से पार नहीं पड़ेगी।
बीकानेर भुजिया पापड़ मैन्यूफैक्चर्स एसोसिएशन अध्यक्ष व मिष्ठान-नमकीन के ज्ञाता वेदप्रकाश अग्रवाल का कहना है कि अफगान संकट के चलते ड्राई फ्रूट्स डेढ़ सौ रूपए से बढ़कर 300 रूपए महंगा हो गया है। मजबूरन कतली 440 रूपए से बढा़कर 520 रूपए कर दी है। बाजार में ड्राई फ्रूट्स के सारे आइटम तेज हो गए हैं। यह प्रारम्भिक प्रभाव है आगे दूरगामी प्रभाव ज्यादा पड़ेंगे। अफगानिस्तान में इंडियन रूपया चलता था अब अन्य देशों से माल मंगवाएंगे तो डॉलर देने पड़ेंगे। इससे भावों पर और ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। वहीं किशन स्वीट्स के मोहित सिंगादिया का कहना है कि बादाम बहुत महंगा हो गया है। बादाम आधारित मिठाई वास्तविक रेट से 25 प्रतिशत बढ़ गई है। यानि जो मिठाई 700 रुपये किलो थी वह अब 1000 रुपये तक चली गई है। इसके अलावा साजी व हींग पर इम्पेक्ट आएगा क्योंकि यह अफगान रूट से आती है। पाकिस्तान से आने वाली साजी अभी बंद है। अफगानिस्तान से ऑरिजनल हींग आती है। हींग से कचैली के भावों पर फर्क आएगा। हालांकि यह फर्क पैसों में आएगा, लेकिन सप्लाई बाधित होगी। आगे जाकर हो सकता है लोगों को हींग के स्वाद से वंचित रहना पड़ सकता है।