जम्मू, 11 जून (हि.स.)। जम्मू-कश्मीर में एक तरफ सुरक्षाबल आतंकियों का सफाया करने के लिए अभियान चलाए हैं तो दूसरी ओर आतंकियों की घुसपैठ कराने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे पाकिस्तान को करारा जवाब भी दे रहे हैं। आतंकियों की घुसपैठ करवाने के लिए पाकिस्तान पिछले 48 घंटे से जम्मू संभाग की नियंत्रण रेखा पर गोलाबारी कर रहा है। पाकिस्तान ने गुरुवार को एक बार फिर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है। राजौरी जिले की नियंत्रण रेखा के करीब बसे मंजाकोट और तारकुंडी सेक्टर में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय चौकियों तथा रिहाशी इलाकों को निशाना बनाते हुए भारी गोलाबारी करने के साथ ही मोर्टार के गोले भी दागे। इस गोलाबारी में भारतीय सेना का एक जवान शहीद हो गया है।
इससे पहले बुधवार देर रात तक पाकिस्तानी सेना ने राजौरी तथा पुंछ जिलों की नियंत्रण रेखा तथा कठुआ जिले की अंतरराष्ट्रीय सीमा को निशाना बनाया है। पहले पाकिस्तानी सेना ने राजौरी जिले के उप जिला नौशहरा के कलाल, झंगड़, बाबा खोड़ी, कलसियां व तरकुंडी तथा मंजाकोट सेक्टर को निशाना बनाया तथा उसके बाद पुंछ जिले की नियंत्रण रेखा के करीब बसे बालाकोट सेक्टर में भारी शुरू गोलाबारी कर दी। राजौरी जिले के मंजाकोट इलाके में देर रात पाकिस्तान से दागे गए मोर्टार की चपेट में आने से एक ग्रामीण घायल हो गया। उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां पर अब उसकी हालत स्थिर बनी हुई है। इस दौरान पाकिस्तानी रेंजर्स ने कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर के करीब बसे गांव करोल माथरियां को निशाना बनाकर रात दस बजे से साढ़े तीन बजे तक गोले दागेे। भारतीय जवानों ने भी इस गोलाबारी का करारा जवाब दिया।
इसी प्रकार मंगलवार को भी पाकिस्तानी सेना ने राजौरी तथा पुंछ जिलों की नियंत्रण रेखा को निशाना बनाकर भारी गोलाबारी की थी। पाकिस्तान ज्यादातर रिहायशी इलाकों को निशाना बना रहा है। रिहायशी इलाकों में रहने वाले ग्रामीण पाकिस्तानी गोलाबारी से भय के माहौल में जी रहे हैं। वह जब भी अपने खेतों में काम करने लगते हैं तो पाकिस्तान अचानक मोर्टार के गोले दागना शुरू कर देता है जिससे इन ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों तथा बंकरों में अपनी जान बचाने के लिए छुपना पड़ता है। राजौरी तथा पुंछ की नियंत्रण रेखा पर कई मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए या फिर उन्हें आंशिक रूप से नुकसान पहुंचा है। इस दौरान कई जानवरों को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। राजौरी पुंछ की नियंत्रण रेखा पर कई स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है और सुरक्षाबलों को अलर्ट पर रखा गया है।
कश्मीर घाटी में पिछले कुछ दिनों से रोजाना हो रही मुठभेड़ों में सुरक्षाबलों को कई बड़ी सफलताएं भी हाथ लगी हैं। सुरक्षाबलों ने पिछले चार दिनों में 14 आतंकियों को मार गिराया है, जिसमें हिजबुल के दो बड़े कमांडर शामिल हैं। सभी मुठभेड़ शोपियां जिले के अलग-अलग इलाकों में हुई हैं। इसी बीच सुरक्षाबल दक्षिण कश्मीर के कई इलाकों में आतंकियों की तलाश में अभियान चलाए हुए हैं क्योंकि दक्षिण कश्मीर हमेशा आतंकियों का गढ़ माना जाता रहा है। अब सुरक्षाबल ऐसी रणनीति के तहत अभियान चला रहे हैं कि जिसमें उनका अपना नुकसान नाम मात्र भी न हो और अभियान पूरी तरह से सफल रहे।
इस आतंक में अब पैसे की कमी आने के कारण नशे को भी इससे जोड़ दिया गया है। आतंकियों के सहयोगी ओजीडब्ल्यू नशे की खेप युवाओं के हवाले करके एक बड़ा पैसा कमा रहे हैं और इसे आतंकियों की मदद के लिए इस्तेमाल में लाया जा रहा है। पिछले दिनों सुरक्षाबलों ने बड़ी संख्या में आतंकियों के इन मददगारों को भी अपनी गिरफ्त में लिया है। सुरक्षाबलों ने इस दौरान दक्षिण कश्मीर खाास कर शोपियां में पांच महीने के दौरान तीन दर्जन के करीब आतंकी ठिकाने नष्ट किए गए हैं और 80 के करीब आतंकियों के मददगारों को गिरफ्तार किया है। शोपियां के अलावा भी सुरक्षाबलों ने जम्मू-कश्मीर के विभिन्न जिलों में आतंकियों के ठिकानों को ध्वस्त करके भारी मात्रा में हथियार तथा गोला-बारूद बरामद किया है।