खाड़ी में तनाव, मक्का बैठक के लिए सऊदी किंग ने क़तर अमीर को बुलावा भेजा
लॉस एंजेल्स, 27 मई (हि.स.)। खाड़ी में ईरान के साथ तनाव को देखते हुए सऊदी किंग मुहम्मद सलमान ने 30 मई को मक्का में खाड़ी सहयोग परिषद की इमेर्जेंसी बैठक बुलाई है। इस बैठक में किंग सलमान ने अपने प्रबल प्रतिद्वंद्वी क़तर के अमीर शेख़ तमीम बिन हमाद अल-थानी को बुलावा भेजा है।
सऊदी अरब, मिस्र, बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात ने जून 2017 में क़तर से कूटनीतिक और आर्थिक संबंध तोड़ लिए थे और उसके ख़िलाफ़ समुद्री, सड़क मार्ग तथा हवाई मार्ग संबंधों की भी तिलांजलि दे दी थी। हालाकि क़तर के अमीर ने रविवार की देर रात तक सऊदी अरब के प्रस्ताव पर कोई प्रतिक्रिया ज़ाहिर नहीं की है।
सऊदी राजमहल की ओर से एक बयान में कहा गया है कि ईरान समर्थित आतंकी होथी ग्रुप ने 26 मई रविवार को उनके जिजान हवाई अड्डे पर सशस्त्र ड्रोन हमले की कोशिश की थी, जिसे सऊदी सेना ने विफल कर दिया था। इससे चंद मिनट पहले हौथी ने ड्रोन हमले की ज़िम्मेदारी ली थी। राजमहल प्रवक्ता ने दावा किया कि ईरान के इशारे पर हौथी ग्रुप ने दो सप्ताह पूर्व खाड़ी में उनके चार तेल सयंत्रों पर हमले किए थे और दो को क्षतिग्रस्त कर दिया था। इस हमले की ज़िम्मेदारी भी हौथी ग्रुप ले चुका है।
हालाकि ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जावेद जरीफ ने इन हमलों में ईरान का हाथ होने से इनकार किया है। ईरान के इस कथन के बावजूद अमेरिका को कोई तसल्ली नहीं हुई और उसने खाड़ी में अपने सैन्य दस्तों और मित्र देशों के हितों को ध्यान में रखते हुए यूएसएस अब्राहिम लिंकन युद्धपोत और यूएस बंबर-52 खाड़ी में तैनात कर दिए। यही नहीं, शुक्रवार को अमेरिका के 1500 सशस्त्र सैनिकों ने खाड़ी में मोर्चा संभाल लिया है।
उधर ईरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ खाड़ी में बढ़ते तनाव को देखते हुए सलाह मशवरा के लिए रविवार की सुबह मित्र देश इराक़ की राजधानी बग़दाद पहुंच गए। उन्होंने वहां इराक़ के विदेश मंत्री मुहम्मद अली अल-हकीम से खाड़ी संकट पर विचार किया और अरब देशों के साथ अनाक्रमण संधि प्रस्ताव पर हस्ताक्षर अभियान चलाए जाने पर ज़ोर दिया। इराक़ के विदेश मंत्री ने कहा है कि वह इस सिलसिले में अमेरिका से बातचीत करने को तैयार हैं।