पटना, 25 नवम्बर (हि.स.)। बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सोमवार को सदन के बाहर हंगामा देखने को मिला तो अंदर भी सदन के शुरू होते ही राजद के विधायकों ने रविवार को पुलिस द्वारा लाठीचार्ज मामले को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया उसके साथ ही कांग्रेस के विधायक भी हंगामा करते हुए वेल में पहुंच गए। विधानसभा अध्यक्ष के समझाने के बाद भी हंगामा करते रहे।
सदन में अपनी आवाज बुलंद करते हुए तेजस्वी यादव ने तो यहां तक कह दिया कि इस राज्य में आवाज उठाने वाले की पिटाई की जाती है। इतना ही नहीं रविवार को कांग्रेस के विधायकों को पहले राज्यपाल ने अपने आवास पर बुलाया और बुलाने के बाद उन्हें कोतवाली भेज दिया गया। तेजस्वी ने आगे ये भी कहा कि सरकार के उपमुख्यमंत्री कहते हैं कि रात के अंधेरे में अच्छा काम होता है, ऐसे बयान के लिए इनको माफी मांगनी चाहिए। लगातार हो रहे हो हल्ला के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने दो बजे तक के लिए सदन को स्थगित कर दिया गया है।
बिहार में नियोजित शिक्षक अपने हक औऱ हकूक के लिए लंबे समय से लड़ाई लड़ रहे हैं। आज सदन में तेजस्वी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि नियोजित शिक्षकों की मांग का हम समर्थन करते हैं। अब नियोजित शिक्षकों की लड़ाई हम लडेंगे, किसी की तानाशाही अब नहीं चलेगी। आगे उन्होंने यह भी कहा कि नियोजित शिक्षकों के साथ गलत हो रहा है। सभी को पता है कि बिहार में बेरोजगारी का आलम क्या है यह किसी से छिपा हुआ नहीं है। इस बयान के बाद शिक्षकों को अपने पाले में करने की राजद ने पहल शुरु कर दी है।
ज्ञात हो कि नियोजित शिक्षकों की बिहार में पहली बार शुरुआत भी राजद ने ही की थी, तब इन शिक्षकों को बहुत कम पैसे पर ड्यूटी बजानी पड़ती थी। इसके बाद जब एनडीए की सरकार आयी तो परीक्षा लेकर शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया शुरु हुई। शिक्षकों की पगार बहुत अच्छी हुई लेकिन शिक्षक समान काम के लिए समान वेतन की लड़ाई लड़ रहे है, जिसके लिए नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने समर्थन कर उनकी लड़ाई लड़ने का ऐलान कर दिया है। इससे सूबे में सियासत का पारा जरुर चढ़ गया है।