नई दिल्ली, 20 जून (हि.स.)। हाल में मिली चुनावी हार के बाद तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) को अब एक और जोरदार झटका लगा है। पार्टी के राज्यसभा में कुल 6 में से 4 सांसदों ने टीडीपी से नाता तोड़ने का ऐलान करते हुए सभापति एम. वेंकैया नायडू से आग्रह किया है कि उन्हें भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में विलय करने की मंजूरी प्रदान करें।
टीडीपी के टीजी वेंकटेश, वाईएस चौधरी, सीएम रमेश और जीएम राव ने गुरुवार को टीडीपी के इन सांसदों ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उसके बाद भाजपा में विलय का फैसला किया है। चारों सांसदों ने सभापति को पत्र सौंपते हुए कहा है कि उनको नए गुट के रूप में मान्यता देते हुए भाजपा में विलय की मंजूरी प्रदान की जाए। चारों सांसदो ने दल बदल कानून का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने एक अलग गुट बनाया है और सामूहिक रूप से भाजपा में विलय का फैसला किया है।
उल्लेखनीय है कि दलबदल विरोधी कानून के मुतबिक किसी दल से अलग हुए नए गुट को तभी मान्यता मिल सकती है, जब उसके दो तिहाई सदस्य इस गुट में शामिल हों। फिलहाल, उप सभापति के आवास पर हुई चारों सांसदों की इल मुलाकात के दौरान भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और राज्यसभा में सदन के नेता थावरचंद गहलोत भी उपस्थित रहे।
राज्यसभा के सभापति से मुलाकात के बाद टीडीपी सांसद भाजपा मुख्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में भाजपा की सदस्यता ली। टीडीपी सांसद वाईएस चौधरी, सीएम रमेश और टीजी वेंकटेश ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। चौथे सांसद जीएम राव अस्वस्थ होने के कारण बाद में भाजपा की सदस्यता लेंगे।
उल्लेखनीय है कि चार सदस्यों का समर्थन मिलने से राज्यसभा में बहुमत के संकट से जूझ रही भाजपा को सुकून मिलेगा। भाजपा की अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के पास राज्यसभा में फिलहाल बहुमत नहीं है। टीडीपी के राज्यसभा में छह सदस्य थे।