नई दिल्ली, 31 मार्च (हि.स.)। सरकार ने कोरोना वायरस की संकट से निपटने के लिए पीएम-केयर्स फंड में चंदे पर आयकर में सौ फीसदी कटौती करने की घोषणा को अध्यादेश के जरिए कानूनी रूप दे दिया है। इसके अलावा इस संकट के दौरान करदाताओं और कारोबारियों को आयकर, जीएसटी रिटर्न भरने, आयकर छूट पाने और सीमा शुल्क एवं उत्पाद कर के साथ विभिन्न निवेश और भुगतानों के मामले में राहत देने के लिए सरकार ने अध्यादेश जारी किया है।
राष्ट्रपति ने रामनाथ कोविंद ने ‘‘कराधान और अन्य कानून (विभिन्न प्रावधानों में राहत) अध्यादेश 2020 को मंगलवार को अपनी मंजूरी भी दे दी। इस अध्यादेश के जरिए पीएम केयर्स फंड में दिये गए योगदान पर उसी तरह 100 फीसदी कर छूट देने का प्रावधान किया गया है, जैसी छूट प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में किसी तरह के योगदान देने पर मिलती है।
इस अध्यादेश जारी होने के बाद वित्त वर्ष 2018-19 की आयकर रिटर्न भरने की समय-सीमा को 31 मार्च, 2020 से बढ़ाकर 30 जून करने और पैन को आधार के जोड़ने की अंतिम तिथि भी 3 महीने के लिए बढ़ाकर 30 जून तक कर दिया गया है। इसके साथ ही आयकर कानून अध्याय छह ए-बी के तहत धारा 80-सी, 80डी, 80जी जिनके तहत क्रमश: बीमा पॉलिसी, पीपीएफ, राष्ट्रीय बचत पत्र आदि जैसे चिकित्सा बीमा प्रीमियम और दान आदि में किए गए निवेश, भुगतान पर कर में छूट दी जाती है ऐसे निवेशों के लिए भी समय-सीमा को 30 जून 2020 तक बढ़ाया गया है।
अध्यादेश के अनुसार वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान कर छूट पाने के लिए इनमें अब निवेश 30 जून तक किया जा सकेगा। अध्यादेश के जरिये मार्च, अप्रैल और मई में दी जाने वाली केन्द्रीय उत्पाद शुल्क की रिटर्न को भी अब 30 जून 2020 तक भरा जा सकेगा।
वित्त मंत्रालय की ओर से ट्वीट कर के बताया गया है कि ‘कराधान और बेनामी अधिनियम के तहत विभिन्न प्रकार की समय-सीमा को विस्तार दिए जाने के लिए सरकार 31 मार्च को ये अध्यादेश लाई है। उल्लेखनीय है कि वित्त मंत्री ने कोरोना वायरस संक्रमण के संकट के मद्देनजर आयकर, जीएसटी के साथ पैन को आधार से जोड़ने की समय-सीमा बढ़ाने की घोषणा की थी।