प्रत्यक्ष कर संग्रह हासिल का है भरोसा, हर साल टैक्स स्लैब बदलने की छूट: सीबीडीटी प्रमुख
नई दिल्ली, 05 फरवरी (हि.स.)। आयकर विभाग का मानना
है कि चालू वित्त वर्ष के लिए तय 11.7 लाख करोड़ रुपये के संशोधित प्रत्यक्ष कर
संग्रह का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। यह बात आयकर विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार कही।
इससे पहले
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन पीसी
मोदी ने यहां कहा कि विभाग आंकड़ों पर गौर कर रहा है और राजस्व बढ़ाने के लिए
कृत्रिम मेधा (एआई) प्रौद्योगिकी का उपयोग कर रहा है। उन्होंने कहा कि विभाग
इस संदर्भ में कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगा।
उन्होंने कहा कि कर संग्रह अब तक अच्छा रहा है, जो चालू वित्त
वर्ष की पिछली तिमाही में यह सर्वाधिक
रहा है। गौरतलब है कि चालू वित्त वर्ष 2019-20 में कुल प्रत्यक्ष कर संग्रह में
अनुमानित आयकर का संग्रह 5.59 लाख करोड़ रुपये और कंपनी कर का संग्रह 6.10 लाख
करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।
साथ ही नए और पुराने टैक्स स्लैब के इस्तेमाल को लेकर
जारी भ्रम को सीबीडीटी ने दूर कर दिया है। सीबीडीटी ने कहा कि यदि आपने इस साल पुराने
या नए किसी भी टैक्स स्लैब का इस्तेमाल कर लिया तो कोई जरूरी नहीं कि आप अगले साल
इसके जरिए ही अपना आयकर रिटर्न फाइल करें। आप अपनी सुविधा के अनुसार प्रत्येक साल
टैक्स स्लैब का को चुन सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में नए
इनकम टैक्स स्लैब का ऐलान करते हुए कहा था कि इसकी रियायतों का फायदा तभी ले सकते
हैं, जब आप निवेश पर छूट का
लाभ के लिए आवेदन करें। इस पर स्पष्टीकरण देते हुए सीबीडीटी के प्रमुख पीसी मोदी
ने कहा कि यह वैकल्पिक स्कीम है। किसी के लिए ये जरूरी नहीं है कि वह नई या पुरानी
स्कीम के साथ चले।
30 जून तक खुली रहेगी ‘विवाद से विश्वास’ स्कीम
इसके अलावा सीबीडीटी चेयरमैन प्रमोद चंद्र मोदी ने कहा
कि ‘विवाद से विश्वास’ स्कीम लंबित प्रत्यक्ष कर विवादों को
निपटाने के लिए एक बेहतर मौका पेश करती है। उन्होंने लोगों से आगे आकर इस योजना का
लाभ उठाने का आग्रह किया। गौरतलब है कि विवाद से विश्वास योजना’ के तहत करदाता को 31 मार्च, 2020 तक बकाए की केवल विवादित कर राशि ही
जमा करानी होगी। जुर्माना और ब्याज माफ होगा।