जानकारी के मुताबिक टाटा संस के पास वर्तमान में एयर एशिया में 51 पर्सेंट हिस्सेदारी है जबकि बाकी की हिस्सेदारी एयर एशिया बरहाद के पास है। दरअसल, एयर एशिया जल्द से जल्द भारतीय कारोबार से निकलना चाहती है। इसीलिए वह अपनी पूरी हिस्सेदारी बेचना चाहती है।
पहले से ही विस्तारा के साथ भी ज्वाइंट वेंचर में शामिल टाटा ग्रुप सरकारी कंपनी एयर इंडिया को भी खरीदने की योजना बना रहा है। टाटा समूह ने इसके लिए बिड भी की है। एयर इंडिया की शुरुआत टाटा समूह ने ही की थी, इसीलिए टाटा का इसके साथ एक भावनात्मक लगाव भी है ।
बीते नवंबर में ही टाटा समूह ने एयर एशिया में 5 करोड़ डॉलर की आपात रकम निवेश करने की योजना बनाई थी। जबकि एयर एशिया ने भारतीय कारोबार में निवेश को बंद कर दिया था और भारतीय बिजनेस के वैल्यूशएन की योजना शुरू कर दी थी।
उल्लेखनीय है कि एयर एशिया की विस्तारा में 49 पर्सेंट हिस्सेदारी है। भारत में एयर एशिया ने 6 साल पहले अपनी शुरुआत की थी। इसके पास इस समय 2,500 कर्मचारी हैं। इसमें से 600 पाइलट हैं। इसके पास एयर बस ए 320 की 30 फ्लीट्स हैं।