पाकिस्तान : मौलाना फजलुर रहमान के ‘आजादी मार्च ‘में लहराए गए तालिबानी झंडे

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आजादी मार्च में लहराए गए अफगानिस्तान-तालिबान के झंडे आठ लोग गिरफ्तार एक घंटे में रिहा करने की दी चेतावनी जेयूआई-एफ नेताओं ने मामले को बताया सियासी साजिश



इस्लामाबाद, 02 नवम्बर (हि.स.)। पाकिस्तान में ‘आजादी मार्च’ का नेतृत्व कर रहे जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (जेयूआई-एफ) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान का मार्च उस समय विवादों में आ गया, जब उनके जलसे में अफगान-तालिबान के झंडे लहराए गए। हालांकि, झंडे लहराने वाले 8 लोगों को फौरन गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन इस मामले पर पाकिस्तान की सियासत पूरी तरह से गरमा गई है।
दरअसल, पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट होकर मौलाना फजलुर रहमान के नेतृत्व में आजादी मार्च निकाल रहा है, जिसका मकसद प्रधानमंत्री इमरान खान का इस्तीफा लेना है। फजलुर रहमान ने इमरान खान को इस्तीफा देने के लिए रविवार तक का अल्टीमेटम दिया है। लेकिन शनिवार दोपहर उस समय पाकिस्तान की सियासत गरमा गई, जब इस जलसे में अफगानिस्तान-तालिबान के झंडे लहराते हुए दिखाई दिए। हालांकि, सीआईए ने फौरन कार्रवाई करते हुए झंडे लहराने वाले आठ कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया, लेकिन इस कार्रवाई से नाराज जेयूआई-एफ नेताओं ने सरेआम माइक पर सीआईए को एक घंटे में गिरफ्तार कार्यकर्ताओं को  रिहा करने की चेतावनी दे डाली। उधर, पत्रकारों ने जब  जलसे में तालिबानी समर्थकों के शामिल होने को लेकर जेयूआई-एफ के नेताओं से सवाल किया तो उन्होंने इसे अपनी पार्टी के खिलाफ साजिश करार देते हुए झंडे लहराने की बात से पूरी तरह से इनकार कर दिया।
उल्लेखनीय है कि आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने को लेकर पाकिस्तान पर फाइनेंशल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की तरफ से ब्लैक लिस्ट होने की तलवार लटक रही है। बीती 18 अक्टूबर को एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी देते आतंकवाद पर लगाम लगाने के लिए फरवरी, 2020 तक का समय दिया गया है। लेकिन इस घटना ने कहीं न कहीं एक बार फिर से  इमरान खान सरकार मुश्किलें बढ़ा दी हैं।

 


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