चीन को रोकने के लिए ताइवान को लंबी दूरी के हथियारों की जरूरत : रक्षा मंत्री

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ताइपे, 27 सितंबर (हि.स.)। ताइवान के रक्षा मंत्री चिउ कुओ-चेंग ने सोमवार को कहा है कि ताइवान को लंबी दूरी तक मार करने वाले सटीक हथियार रखने की आवश्यकता है ताकि चीन को रोका जा सके, जो द्वीप पर हमला करने के लिए तेजी से अपनी प्रणाली विकसित कर रहा है।

ताइवान ने इस महीने नई मिसाइलों सहित अगले पांच वर्षों में लगभग 9 बिलियन डॉलर के अतिरिक्त रक्षा खर्च का प्रस्ताव दिया है। इसका कारण पड़ोसी चीन से गंभीर खतरे के मद्देनजर हथियारों को अपग्रेड करने की तत्काल आवश्यकता है। दरअसल, चीन दावा करता है कि ताइवान उसका क्षेत्र है।

संसद में चेंग ने कहा कि ताइवान को चीन को यह बताने में सक्षम होना चाहिए कि वह अपना बचाव कर सकता है। ताइवान की मिसाइल क्षमता की बात करते हुए उन्होंने कहा कि हथियारों को लंबी दूरी तक सटीक वार करने वाला होना चाहिए, ताकि दुश्मन यह समझ सकें कि जैसे ही वे अपने सैनिकों को भेजते हैं, हम तैयार हैं।

चीन के रक्षा मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि मध्यम और लंबी दूरी की मिसाइलों का प्रयोग ताइवान के दक्षिण-पूर्वी तट पर एक प्रमुख परीक्षण अभ्यास में किया जा रहा है।

हालांकि रक्षा मंत्री ने यह बताने से मना कर दिया कि ताइवान की मिसाइलें कितनी दूरी तक वार कर सकती हैं। दरअसल, सरकार की ओर से ऐसी जानकारियां गुप्त रखी जाती हैं।

ताइवान ने चीन की सेना पर अपनी वार्षिक रिपोर्ट में चीन की क्षमताओं का असामान्य रूप से कठोर मूल्यांकन करते हुए कहा कि वे ताइवान के बचाव को पंगु कर सकते हैं और हमारी तैनाती की पूरी तरह से निगरानी करने में सक्षम हैं। चिउ ने कहा कि यह महत्वपूर्ण है कि ताइवान के लोग अपने सामने आने वाले खतरे के प्रति जागरूक रहें।

उल्लेखनीय है कि ताइवान अक्सर अपने वायु रक्षा क्षेत्र का अतिक्रमण करने का आरोप चीन पर लगाता रहा है।


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