तब्लीगी जमात के कार्यक्रम ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई को कमजोर किया : उपराष्ट्रपति
नई दिल्ली, 03 अप्रैल (हि.स.)। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को तब्लीगी जमात के हाल के गैर जरूरी कार्यक्रम का ज़िक्र करते हुए कहा कि इससे कोरोना वायरस (कोविड-19) के खिलाफ देशव्यापी अभियान पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उन्होंने राज्यपालों और उप राज्यपालों से आग्रह किया कि वे इस घटना से सबक लेते हुए अपने राज्यों में किसी भी धार्मिक समागम की इजाज़त न दें।
उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने आज राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों व उपराज्यपालों से कहा कि वे अध्यात्मिक और धार्मिक गुरुओं से आग्रह करें कि वे अपने अनुयायियों को भीड़ भाड़ वाले सामुदायिक धार्मिक आयोजन करने से रोकें तथा कॉविड 19 संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सामुदायिक व्यवहार में परस्पर दूरी बनाए रखें। हाल के दिनों में डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के साथ हुई हिंसा को अक्षम्य बताते हुए उन्होंने ऐसी हिंसा की कड़ी निन्दा की। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों के मनोबल को गिराती हैं। यह देश के हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह उन डॉक्टरों की रक्षा करे जो व्यक्तिगत खतरा मोल ले कर भी जन सेवा में लगे है।
कोराना महामारी को सम्पूर्ण मानवता के लिए चुनौती बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण की रोकथाम के लिए व्यापक सामुदायिक सामाजिक प्रतिकार की आवश्यकता है। सामाजिक दूरी तथा घरों में सीमित रहने को कोराना संक्रमण की रोकथाम का एकमात्र उपाय बताते हुए उपराष्ट्रपति ने राज्यपालों व उपराज्यपालों से सभी धार्मिक गुरुओं से संपर्क करने की सलाह दी जो अपने अनुयायियों को सरकार द्वारा सामाजिक दूरी बनाने के निर्देशों से अवगत कराए।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा आयोजित वीडियो कॉन्फ्रेंस द्वारा राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों, उप राज्यपालों और प्रशासकों को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि आप अपने क्षेत्रों में धार्मिक गुरुओं से संपर्क करें और उनसे आग्रह करें कि वे अपने अनुयायियों को सोशल डिस्टेंसिंग तथा स्वच्छता संबंधी निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दें। वर्तमान में कटाई के समय की चर्चा करते हुए नायडू ने कहा कि कृषि उत्पादों की कटाई, भंडारण तथा खरीद के लिए प्रबंध करने पर विशेष ध्यान दें। राजकीय एजेंसियां कृषि उपकरणों के अबाध आवागमन और उपलब्धता को सुनिश्चित करें जिससे किसानों किसी कठिनाई का सामना न करना पड़े। उन किसानों के उत्पाद की 100 प्रतिशत खरीद में सुनिश्चित की जानी चाहिए।
उन्होंने राज्यपालों तथा उप राज्यपालों से आग्रह किया कि विद्यार्थियों की सुचारू शिक्षा को सुनिश्चित करने के लिए ऑनलाइन क्लास का प्रबंध किया जाना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने फंसे हुए विस्थापित मजदूरों, लोगों को रोजमर्रा के जरूरी सामानों तथा दवाओं की आपूर्ति के विषय में जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा यद्यपि सरकार विस्थापित मजदूरों की कठिनाई को कम से कम करने का हर संभव प्रयास कर रही है तथापि यह समाज का भी दायित्व है कि उनको भोजन और आश्रय का प्रबंध करे।
विभिन्न राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के लगभग 35 राज्यपालों, उप राज्यपालों और प्रशासकों द्वारा अपने राज्यों में कोविड 19 संक्रमण की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों के विषय में विचार विमर्श किया गया।