कानपुर : हाथ-पैर बांधकर तैराकों ने उफनाई गंगा की लहरों को दी मात

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अटल घाट से मैस्कर घाट तक नदी में 17 किमी. तक का तय किया सफर



कानपुर, 10 अगस्त (हि.स.)। उफनाई गंगा नदी के तेज बहाव के बीच मंगलवार को कानपुर के अटल घाट पर एक अनोखा कारनामा उस वक्त देखने को मिला जब हाथ-पैर बांधकर नदी की लहरों में दो तैराक मछली की तरह जलतरण करते देखे गए। यहां नजारा देख लोग हैरान रहे गए। दोनों ने 17 किमी0 दूरी लहरों के बीच तय करते हुए रिकार्ड बनाया है।

रिकॉर्ड बनाने की ललक क्या न करा दे। ऐसा ही कारनामा आज कानपुर के अटल घाट में देखने को मिला है। जहां एक 55 वर्षीय मास्टर तैराक पंकज जैन व 21 साल के युवा रोहित निषाद ने अटल घाट से लेकर मैस्कर घाट तक हाथ-पैर बांधकर 17 किलोमीटर गंगा की उफनाई लहरों को मात देते हुए तैराकी की। तेज बहाव के बीच इस दूरी को तय करने में करीब डेढ़ घंटे का समय लगा। इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से उनके साथ प्रशिक्षित तैराकों का एक दल भी नावों से चलता रहा। हाथ-पैर बांधकर नदी में तैराकी करने वाले पर नजर रखें रहा। हालांकि दोनों ही तैराकों ने किसी रिकार्ड बनाने के उद्देश्य से ऐसा करने की बात से इंकार किया।

स्वच्छता व पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश

अटल घाट से लगभग 17 किमी तैराकी कर मैस्कर घाट तक तैराकी करने वाले मास्टर तैराक पंकज जैन व रोहित निषाद ने भले की किसी रिकार्ड के लिए हाथ-पैर बांधकर नदी में तैराकी की हो, लेकिन इसके पीछे उनका उद्देश्य कोई रिकार्ड नहीं बल्कि जागरूकता संदेश दिए जाने की बात कही। उन्होंने कहा कि इसके जरिए वह स्वच्छ गंगा व पर्यावरण संरक्षण के प्रति लोगों को जागरूक करने के प्रति प्रोत्साहित करना है।

गंगा की लहरों में तैराकी के लिए किया कड़ा अभ्यास

खेलप्रेमी व समाजसेवी स्वर्गीय पदम कुमार जैन की स्मृति में साहसिक तैराकी उनके बेटे पंकज जैन और राष्ट्रीय तैराक रोहित द्वारा आज किया गया। गंगा की लहरों में 17 किमी. तैराकी करते हुए दोनों ने एक इतिहास व अनोखा कारनामा करने का प्रयास किया है। इसको लेकर उनका कहना है कि तैराकी के लिए उन्होंने कड़ा अभ्यास किया है। लोगों से उन्होंने यह भी संदेश दिया है कि कोई भी ऐसा न करें।

अगली बार 45 किमी. तक तैराकी करने का है इरादा

उप्र तैराकी संघ के उपाध्यक्ष प्रकाश अवस्थी ने बताया कि दोनों तैराकों ने गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के लिए यह प्रयास किया गया है। उन्होंने दावा किया है कि अगली बार दोनों ही तैराकों द्वारा अटल घाट से महाराजपुर के ड्योढ़ी घाट तक 45 किलोमीटर तक सफर तय किया जायेगा। इस रिकार्ड के साथ दोनों का नाम गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल हो जाएगा।


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