समतामूलक समाज की बात करते थे स्वामी सहजानंद :विजय सिन्हा
गया, 22 मार्च (हि.स.)।स्वामी सहजानंद सरस्वती के प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में रविवार को गया पहुंचे विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि आज के परिवेश में जरूरत है कि घरों के बाहर मेरा परिवार नशा मुक्त, अपराध मुक्त, बाल श्रमिक मुक्त, दहेज मुक्त की तख्ती लगाये। तभी वह ग्राम आदर्श ग्राम हो सकता है। किसानों की हित की बात करने वाले स्वामी सहजानंद के भी यही विचार थे।
विधानसभाा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज के वर्तमान परिस्थिति में स्वामी सहजानंद सरस्वती की कमी खल रही है।आज जरूरत है समाज को सुधारने की। गांव की सामाजिक एकता बनाये रखने की जरूरत है।उन्होंने कहा कि सत्ता की लोलुपता के लिए हमने क्या खोया क्या पाया इसका विश्लेषण आने वाला पीढ़ी करेगी। हमें स्वामी जी एवं सभी महापुरुषों की वाणी को याद करना चाहिए। जिन्होंने अपनी वाणी को प्रेरणा का माध्यम बनाया। हम लोगो को वसुधैव कुटुम्बकम के साथ आगे बढ़ना होगा। बिहार पुनः गौरवशाली इतिहास की ओर कदम बढ़ा दें। तुनुकमिजाजी भाव को हटाकर और महापुरुषों के त्याग तप को नमन करना होगा। स्वामी जी के पदचिन्हों पर चलेंगे।
विधानसभा अध्यक्ष ने स्वामी जी के विचारों पर चलने व उनके सपनों को पूरा करने वाले डॉ सत्यजीत व डॉ कैलाश चन्द्र का आभार जताया।उन्होंने मंच पर उपस्थित श्रम संसाधन मंत्री जीवेश मिश्रा की ओर इशारा करते हुए कहा कि मंत्री जी खुलकर बल्लेबाजी कर सकते है। अनिल जी मगध की मधु लेकर आते है। त्रिकोण पर मैं खुद हूं। विधानसभा के सभागार में पहली बार मां सरस्वती की पूजा हुई। नया बिहार बनाने में हम सभी की भागीदारी होगी।
सभा को संबोधित करते हुए श्रम संसाधन मंत्री जिवेश कुमार मिश्रा ने कहा कि देश के अंदर बैठा राजा भी स्वामी जी के बताए मार्ग पर किसानों की हित की बात की है। स्वामी जी ने अनेक कुरीतियों को खत्म करने का कार्य किया। समाज के अंदर दंडधारी स्वामी बनने का कार्य शुरू किया। स्वामी जी सभी शोषित व जन-जन कण-कण के है। स्वामी जी सभी के लिए लड़े। जमींदारों के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले स्वामीजी के बारे में पढ़ने की आवश्यकता है। स्वामी जी की तुलना स्वामी विवेकानंद से करनी चाहिए।स्वामी जी सार्वभौम व सर्व प्रिय थे। कांग्रेस द्वारा स्वामी जी की अहमियत को कम किया गया। स्वामी जी की प्रतिमा विधानसभा में लगाये जाने की मांग का मंत्री जिवेश मिश्र ने समर्थन किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे स्थानीय विधायक डॉ अनिल कुमार ने कहा कि स्वामी जी जब गाजीपुर से चलकर बिहार आये तो मगध की धरती पर ही किसानों के हित की बात की थी। स्वामी जी की खींची लकीर तक कोई नही पहुंच सका। उन्होंने कहा कि वे क्षेत्र के विकास के लिए सदैव तत्पर हैं। शीघ्र ही भोरी ग्राम में भी छः बेडों का अस्पताल निर्माण शुरू किया जाएगा। कार्यक्रम में गोह के पूर्व विधायक रणविजय शर्मा ने स्वामी सहजानंद सरस्वती को महात्मा गांधी का दूसरा रूप बताया। गुरुआ के पूर्व विधायक सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने कहा किसानों के हित की बात करने वाले स्वामी सहजानंद सरस्वती जी की जीवनी आज भी प्रासंगिक है। इसके अलावा रुबन अस्पताल के निदेशक व बिहटा सीताराम आश्रम के सचिव डॉ सत्यजीत कुमार, अमेरिका में भारतीय दूतावास में राजनैतिक सलाहकार डॉ कैलाश चन्द्र झा, मुखिया जगन्नाथ शर्मा, भाजपा नेता मुकेश कुमार सिन्हा, मंच के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार सिन्हा सहित अन्य ने भी स्वामी जी के विचारों के बारे में संबोधित किया।