स्वदेशी जागरण मंच ने शुरू किया, अखिल भारतीय आत्मनिर्भरता अभियान
नई दिल्ली, 19 मई (हि.स.)। स्वदेशी जागरण मंच का कहना है कि देशी उद्योगों को संवारने और बढ़ावा देने से स्वावलंबन आएगा। आत्मनिर्भर भारत यानि कि सिर्फ स्वदेशी को लेकर जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से स्वदेशी जागरण मंच ने मंगलवार को अखिल भारतीय स्वावलंबन अभियान का ऐलान किया।
राष्ट्रीय सह-संयोजक अश्वनी महाजन ने मंच की ओर से जारी एक बयान में कहा कि लघु उद्योग, छोटे-छोटे कारोबारियों, कारीगरों, खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और अन्य गैर-कृषि कार्य समेत ग्रामीण उद्योगों जैसे घरेलू उद्योगों को बढ़ावा देने से स्वावलंबन आएगा।
महाजन ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि अतीत में नीति निर्माताओं ने कभी भी स्वदेशी प्रतिभा, संसाधनों और ज्ञान पर भरोसा नहीं किया। बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र और विदेशी पूंजी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों पर जोर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में आह्वान किया कि हमें ‘लोकल के लिए वोकल’ बनना होगा। यह सुखद संदेश है कि वैश्वीकरण और उदारीकरण की मौजूदा नीति खासतौर से विदेशी पूंजी आधारित विकास के मॉडल की जाने की तैयारी हो रही है।
उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण के युग में जिन स्थानीय उद्योगों को महत्व नहीं दिया गया उनको दोबारा चालू करने का यह वक्त है। महाजन ने कहा कि ऐसी आर्थिक नीतियां लाने का वक्त भी है जिससे जन-कल्याण हो, लोगों के लिए आय के स्थाई साधन पैदा हो और रोजगार मिलने के साथ-साथ भरोसा बढ़े।
अश्वनी महाजन ने कहा कि देश में सूक्ष्म, लघु और मघ्यम उद्यम के 700 से ज्यादा कलस्टर हैं, जिनके औद्योगिक विकास का लंबा और वैभवशाली इतिहास रहा है लेकिन अनुचित चीनी स्पर्धा के चलते इन औद्योगिक कलस्टर की आभा समाप्त हो गई। इसके अलावा महाजन ने कहा कि पूरे देश में जिला स्तर पर ऐसे और औद्योगिक कलस्टर चिन्हित किया जाए जिससे भविष्य में विनिर्माण के क्षेत्र में प्रगति हो।