पटना, 27 जून (हि.स.)। बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने जदयू अध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बिना नाम लिए गुरुवार को सलाह दी कि धारा-370 पर अपने रुख पर उन्हें पुनर्विचार करना चाहिए। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि हाल के संसदीय चुनाव में जब कश्मीर से धारा-370 की समाप्ति और अलगाववाद पर कड़े रुख के लिए जनादेश मिला है, तब इस मुद्दे पर परंपरागत नरम रुख रखने वाले दलों को भी पुनर्विचार करना चाहिए। कश्मीर नीति की पहली सफलता के लिए गृहमंत्री अमित भाई शाह को बधाई। श्री मोदी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री की कश्मीर यात्रा पर किसी अलगाववादी संगठन की ओर से घाटी में इस बार बंद का आह्वान नहीं किए जाने को कश्मीर नीति की पहली सफलता बताते हुए बधाई दी है। उन्होंने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की गिरफ्तारी, उनकी सेक्यूरिटी वापस लेना और टेरर फंडिंग जैसे मामलों में कड़ी पूछताछ का असर है कि 30 साल में पहली बार भारत के गृहमंत्री की कश्मीर यात्रा पर किसी अलगाववादी संगठन ने घाटी में बंद का आह्वान करने की जुर्रत नहीं की। उन्होंने कहा है कि एनडीए सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार, शिशु मृत्यु दर पर अंकुश, टीकाकारण में तेजी, संस्थागत प्रसव और छोटे परिवार जैसे कई मामले में अच्छा काम किया लेकिन अब भी बहुत-कुछ करने की जरूरत है। दस साल पहले 2009 में राज्य की पहली एनडीए सरकार के समय टीकाकरण मात्र 12 फीसद था। उससे पहले राजद सरकार के 15 साल में टीकाकरण सहित सभी मानकों पर हालत बहुत खराब थी। एनडीए सरकार ने ही टीकाकरण को 84 फीसद तक पहुंचाया और परिवार नियोजन में बिहार देश के टाप-5 में पहुंचा। चमकी बुखार की दुखद स्थिति से पार पाने में भी हम कामयाब होंगे लेकिन इस मुद्दे पर जो लोग ज्यादा छाती पीट रहे हैं, वे लालू-राबड़ी राज की स्वास्थ्य सेवाओं का रिकार्ड भी देखें।